Begin typing your search...

झारखंड में नहीं हैं महिलाएं सुरक्षित, NCRB रिपोर्ट की डरावनी हकीकत, जानें कौन से शहर हैं सबसे अनसफे

झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा अभी भी बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट ने इस डरावनी हकीकत को सामने ला दिया है कि राज्य के कई शहर महिलाओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. रिपोर्ट के आंकड़े दिखाते हैं कि राज्य के बड़े शहरों में घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.

झारखंड में नहीं हैं महिलाएं सुरक्षित, NCRB रिपोर्ट की डरावनी हकीकत, जानें कौन से शहर हैं सबसे अनसफे
X
( Image Source:  Canva )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 13 Sept 2025 3:32 PM IST

झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.

यह आंकड़े सिर्फ ठोस अपराधों की ही तस्वीर नहीं दिखाते, बल्कि यह राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता और कदम उठाने की आवश्यकता को भी सामने लाते हैं. चलिए जानते है ंरिपोर्ट के मुताबिक कौन सा शहर है सबसे ज्यादा असुरक्षित.

ये भी पढ़ें :मैं पति के साथ खुश... लोन के वादे से बुलाया घर, फिर लड़की का राजस्थान में किया 1.20 लाख में सौदा

कौन से शहर हैं सबसे अनसेफ?

झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं. इस राज्य के सबसे असुरक्षित शहरों में नंबर वन पर रांची हैं. इसके बाद जामताड़ा और फिर तीसरे नंबर पर जमशेदपुर आता है. महिलाएं न केवल घर के भीतर, बल्कि बाहर भी खतरे का सामना कर रही हैं.

जमशेदपुर में बढ़ती घरेलू हिंसा

एनसीआरबी के अनुसार, जमशेदपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या 38.1% है. यह राष्ट्रीय औसत 66.4% से कम है, लेकिन आंकड़े जब साल-दर-साल बढ़ते घरेलू हिंसा के मामलों के साथ जोड़े जाते हैं, तो तस्वीर भयावह नजर आती है. बीते एक साल में 100 से अधिक महिलाएं मदद के लिए वन स्टॉप सेंटर पहुंचीं, जिनमें ज्यादातर घरेलू हिंसा की शिकार थीं.

क्या है वन स्टॉप सेंटर?

वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं को एक ही छत के नीचे आश्रय, काउंसलिंग, मेडिकल सुविधा और पुलिस सहायता दी जाती है. दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अक्सर संकोच या संसाधनों की कमी के कारण शिकायत दर्ज नहीं करा पातीं. वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक सह काउंसलर नीतू सिन्हा ने बताया कि अब नए सेंटर खुलेंगे.

साल-दर-साल बढ़ते अपराध

झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले साल-दर-साल भिन्न रहे हैं. वर्ष 2019-20 में इन अपराधों के 200 मामले दर्ज हुए, जबकि 2020-21 में यह संख्या घटकर 131 रह गई. इसके बाद 2021-22 में मामलें बढ़कर 171 हो गए, और 2022-23 में फिर 141 मामले दर्ज हुए. वर्ष 2023-24 में इन मामलों की संख्या 151 रही. वर्ष 2024 में अब तक दर्ज मामलों में घरेलू हिंसा के 110, दुष्कर्म के 3, दहेज उत्पीड़न का 1, गुमशुदा का 1, साइबर अपराध के 5, धोखाधड़ी का 1 और अन्य मामलों के 3 केस शामिल हैं. यह आंकड़े दिखाते हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बने हुए हैं और विभिन्न प्रकार के अपराधों में घरेलू हिंसा सबसे अधिक है.

Jharkhand Newscrime
अगला लेख