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झारखंड तक पहुंचा नीतीश कुमार का हिजाब विवाद, इरफान अंसारी बोले- ऐसी कोई लड़की झारखंड...; JDU का पलटवार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े वायरल हिजाब विवाद ने अब पड़ोसी राज्य झारखंड की राजनीति में भी हलचल मचा दी है. इस मामले में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान सामने आया है. जिसपर JDU का रिएक्शन भी सामने आया है.

झारखंड तक पहुंचा नीतीश कुमार का हिजाब विवाद, इरफान अंसारी बोले- ऐसी कोई लड़की झारखंड...; JDU का पलटवार
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( Image Source:  X/ @MDSAJID78692 )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 20 Dec 2025 6:58 PM

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े वायरल हिजाब विवाद ने अब पड़ोसी राज्य झारखंड की राजनीति में भी हलचल मचा दी है. इस मामले में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बयान ने जहां समर्थन और संवेदना का संदेश दिया, वहीं जदयू नेताओं ने इसे नियमों के खिलाफ और राजनीतिक स्टंट करार दिया है.

एक तरफ जहां इरफान अंसारी ने कथित तौर पर पीड़िता के सम्मान और सुरक्षा की बात करते हुए बड़े ऐलान किए, वहीं दूसरी ओर जदयू नेता सरयू राय ने उनके दावों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे वादे न तो व्यवहारिक हैं और न ही संवैधानिक.

इरफान अंसारी का बड़ा बयान

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बिहार के इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा "मैंने एक फैसला लिया है; अगर किसी के साथ ऐसा अभद्र व्यवहार होता है, तो मैं आगे बढ़कर खड़ा रहूंगा. आपने उसका उत्पीड़न किया है. लोगों में आक्रोश है, और उसी संदर्भ में मैंने कहा कि अगर ऐसी कोई लड़की झारखंड आती है, तो मैं उसका स्वागत करूंगा."

उन्होंने आगे कहा "मैं उसे सरकारी नौकरी दूंगा. उसकी पसंद की पोस्टिंग दूंगा। उसे 3 लाख रुपये सैलरी दूंगा और सरकारी फ्लैट भी दूंगा. हम यहां जातिगत भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस तरह के व्यवहार करने वालों पर कार्रवाई होगी. डॉक्टरों में भी भारी आक्रोश है."

JDU का पलटवार

इरफान अंसारी के इस बयान पर जदयू नेता सरयू राय ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा "अधिक से अधिक वे किसी डॉक्टर को रख सकते हैं और 30 हजार रुपये तक की सैलरी दी जा सकती है. यह मामला पूरी तरह राजनीतिक बनाने की कोशिश है. मुझे लगता है कि जिस महिला के साथ यह घटना हुई, उसने भी इसे समझ लिया है. वह दोबारा ड्यूटी पर लौट चुकी है. उसने खुद कहा है कि इस पूरे मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. कोई भी सरकारी अधिकारी, मंत्री या सचिव नियमों से हटकर किसी को नौकरी देने या नियुक्ति करने का अधिकार नहीं रखता। जो लोग ऐसी बातें कह रहे हैं, वे तथ्यों के आधार पर नहीं बोल रहे हैं."

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