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नक्‍सलियों ने ली थी पिता की जान, मां ने उठाई जिम्मेदारी; JPSC 2023 में 2nd आने वाले झारखंड के Abhay Kujur की स्‍ट्रगल स्‍टोरी

Abhay Kujur JPSC Success Story: खूंटी जिले में रहने वाले अभय कुजूर ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2023 में पूरे राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया. अभय ने सोच लिया था कि परिवार के लिए कुछ करना है और अपनी मां के बुढ़ापे का सहारा बनना है.

नक्‍सलियों ने ली थी पिता की जान, मां ने उठाई जिम्मेदारी; JPSC 2023 में 2nd आने वाले झारखंड के Abhay Kujur की स्‍ट्रगल स्‍टोरी
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( Image Source:  @DukhniS )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 26 July 2025 12:42 PM

Abhay Kujur JPSC Success Story: कहते हैं इंसान अगर जी जान से मेहनत करे तो एक दिन सफलता जरूरी हाथ लगती है. हालात कैसे भी हो हमें बस अपना कर्म करना चाहिए. झारखंड के खूंटी जिले में रहने वाले अभय कुजूर ने कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है. उन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2023 में पूरे राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है.

अभय कुजूर के पिता एक नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. पिता ने जाने के बाद, अभय की मां सुशीला ने ही पूरे घर की जिम्मेजारी उठाई और बच्चों को पढ़ाया-लिखाया. अभय ने सोच लिया था कि परिवार के लिए कुछ करना है और अपनी मां के बुढ़ापे का सहारा बनना है.

गरीबी में बिता बचपन

अभय के पिता के निधन के बाद उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी. बड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए सुशीला ने अपने बेटे अभय को शिक्षा पूरी करवाई. पूरा इलाका आज अभय पर गर्व कर रहा है. अभय ने कहा कि आर्थिक तंगी के बाद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और अपने लक्ष्य से पूरा किया.

अभय ने बताया कि उनके पिता अविनाश कुजूर साल 2003 में आर्मी से रिटायर हो गए थे. वह उड़ीसा में एंटी नक्सलाइट फोर्स में शामिल थे. 2009 में एक नक्सल अभियान के दौरान वह शहीद हो गए. अभय की दो बहनें भी हैं. पिता चाहते थे कि अभय बड़ा होकर एक अफसर बने और समाज के लिए काम करे. आज अभय ने अपने पिता का सपना पूरा करके दिखाया है.

कैसे की परीक्षा की तैयारी?

अभय ने बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी कर JPSC परीक्षा पास की है. वह किसी कोचिंग सेंटर में पढ़ने नहीं गए थे. अभय ने साल 2011 में रांची के सेंट अलुइस स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की. इसके बाद 2013 में सुरेंद्रनाथ सैंटनरी स्कूल से साइंस स्ट्रीम से इंटर किया. इसके बाद रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से 2016 में जियोलॉजी ऑनर्स से ग्रेजुएशन की. फिर रांची यूनिवर्सिटी के पीजी डिपार्टमेंट जियोलॉजी में ही मास्टर किया.

अभय ने बताया कि उनके घर के पास आईएएस अफसर रहते थे. उन्हें देखकर ही प्रेरणा मिलती थी. वो कहते हैं मैं लोगों की आवाज बनना चाहता हूं. सेवा करना चाहता हूं. उनका लक्ष्य तय था कि सिविल सर्विस में ही जाना है, चाहे कुछ भी करना पड़े और वह लक्ष्य हासिल भी कर लिया है.

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