अनिल टाइगर की हत्या करने वाला रोहित वर्मा कौन, जानें अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?
अनिल टाइगर को दो दिन पहले ही कांके महावीर मंडल का अध्यक्ष बनाया गया था. 26 मार्च को दो लोगों ने उनके सिर पर गोली मारी, जिसके कारण उनकी हत्या हो गई. इससे पहले सुभाष जायसवाल की हत्या हुई थी. कहा जा रहा है कि अनिल की मौत का कनेक्शन सुभाष जायसवाल से था.

झारखंड के बीजेपी लीडर अनिल टाइगर की गोली मारकर हत्या कर दी. वह कांके चौक के ठाकुर होटल में थे, तभी बाइक पर सवार दो लोगोंने उनके सिर पर गोली मार दी. गोलियों की आवाज सुनते ही सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई और लोग मौके से भागने लगे.
जहां रांची में उनकी हत्या के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शन किया, जिन्हें पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया है. वहीं, इस मामले में एक शार्प शूटर पकड़ा भी गया है, जिसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. चलिए जानते हैं अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?
पकड़ा गया शार्प शूटर रोहित वर्मा
अनिल टाइगर हत्याकांड मामले में पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ लिया है, जिसका नाम रोहित वर्मा है. पूछताछ के दौरान रोहित ने कई राज़ खोले हैं. पुलिस ने बताया कि इस हत्या कांड का कनेक्शन लोहरदगा में हुए सुभाष जायसवाल हत्याकांड से है. वह इस हत्या के बाद से ही गायब था. पुलिस पूछताछ में रोहित ने बताया कि उसे शक था कि सुभाष को मौत के घाट उतारने में अनिल टाइगर का हाथ था. ऐसे में बदला लेने के चलते उसे अनिल की हत्या कर दी.
दूसरे शूटर की तलाश जारी
रोहित के बाद अब पुलिस दूसरे शार्प शूटर अमन की तलाश में जुट गई है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ रही. पुलिस का कहना है कि जैसे ही अमन पकड़ा जाएगा, मामला पूरी तरह से साफ हो जाएगा.
रांची बंद का एलान
इस हमले के बाद झारखंड में बवाल मच गया था. लोग सड़कों पर आ गए और रास्ते को जाम कर दिया. अनिल टाइगर की हत्या के कारण रांची बंद का एलान किया है. जहां पुलिस ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस दौरान लोग शांति बनाए रखें. बाहर आकर किसी भी तरह की कोई गलत हरकत न करे, जिससे लोगों की शांति भंग हो.
कौन थे अनिल टाइगर?
अनिल महतो उर्फ अनिल टाइगर के एक जमाने में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के करीबी माने जाते थे. इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामा. वर्तमान में वह ग्रामीण जिला महामंत्री पद संभाल रहे थे. साथ ही, बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी थे. इतना ही नहीं, सिर्फ दो दिन पहले उन्हें कांके महावीर मंडल का अध्यक्ष भी बनाया गया था.