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तंत्र के जाल में दोस्त बना कसाई, घर बुलाकर पिलाई शराब, फिर चापड़ से रेत दिया गला

जमशेदपुर में एक दोस्त अपने ही मित्र की जान का दुश्मन बन गया. जहां संदीप नाम के शख्स ने अपने दोस्त को मारने के लिए पूरी प्लानिंग की हुई थी. पहले उसने अजय को शराब पिलाई और फिर देर रात उसकी चापड़ से गला रेत कर हत्या कर दी.

तंत्र के जाल में दोस्त बना कसाई, घर बुलाकर पिलाई शराब, फिर चापड़ से रेत दिया गला
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( Image Source:  Canva )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 30 Sept 2025 11:45 AM IST

जमशेदपुर के गोलमुरी के गाढ़ाबासा इलाके में सोमवार देर रात एक दिल दहला देने वाली वारदात हुई. जहां दोस्त ही दोस्त का दुश्मन बन गया. दरअसल संदीप कुमार ने अपने दोस्त अजय उर्फ झंटू (22) को अपने घर बुलाया. इसके बाद उसे शराब पिलाई और फिर चापड़ से उसका गला रेत दिया. संदीप तांत्रिक विद्या में यकीन करता था.

हालांकि, आरोपी को आसपास के लोगों ने धर दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया. फिलहाल पुलिस तंत्र विद्या के इस खौफनाक खेल की तहकीकात कर रही है.

तंत्र विद्या का अंधविश्वास

स्थानीय लोगों के अनुसार, संदीप लंबे समय से तांत्रिक विद्या और टोने-टोटकों में विश्वास करता था. माना जा रहा है कि इसी विश्वास के चलते उसने अजय को अपने मकसद के लिए निशाना बनाया. जैसे ही घड़ी ने रात के 12 बजाए, संदीप ने अचानक पास रखे चापड़ से अजय की गर्दन पर वार कर दिया. अजय की दर्दनाक चीखें सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे.

लोगों की जद्दोजहद और आरोपी की गिरफ्तारी

जब गांव वाले कमरे में घुसे, तो उन्होंने अजय को खून से लथपथ हालत में जमीन पर गिरा पाया. वहीं संदीप भी हाथापाई में घायल हो गया. गुस्साए लोगों ने आरोपी को मौके पर ही दबोच लिया और पुलिस को इसकी सूचना दी. गंभीर हालत में अजय को टीएमएच अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया.

पुलिस जांच और बरामदगी

घटना की सूचना मिलते ही गोलमुरी पुलिस टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त धारदार चापड़ को बरामद किया. फिलहाल संदीप को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या यह हत्या पूरी तरह अंधविश्वास के कारण हुई या इसके पीछे कोई और वजह थी.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

अजय की मौत से उसका परिवार बेसहारा हो गया है. पिता की मौत के बाद वह ही परिवार की उम्मीदों का सहारा था और पास की पेंट की दुकान में काम करके घर का खर्च चलाता था. उसकी अचानक मौत ने पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है.यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि आखिर अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के नाम पर कितनी और जिंदगियां ऐसे ही बेरहमी से कुर्बान होंगी.

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