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चार महीने में होंगे झारखंड निकाय चुनाव! हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश

झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई की और प्रदेश सरकार को 4 महीने के अंदर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है. आज सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने यह आदेश दिया. इस दौरान राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी और नगर विकास सचिव सुनील कुमार सशरीर मौजूद रहे.

चार महीने में होंगे झारखंड निकाय चुनाव! हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश
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( Image Source:  canva )

Jharkhand Municipal Election: झारखंड में निकाय चुनाव लंबे समय से टाला जा रहा है. प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई हैं, लेकिन अब तक चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया गया है. इस मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई की और प्रदेश सरकार को 4 महीने के अंदर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने गुरुवार (16 जनवरी) को मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगले चार महीने के अंदर राज्य में निकाय चुनाव कराएं. रोशनी खलखो और अन्य की ओर से यह याचिका दायर की गई थी. आज सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने यह आदेश दिया. इस दौरान राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी और नगर विकास सचिव सुनील कुमार सशरीर मौजूद रहे.

वोटर लिस्ट जारी करने का आदेश

कोर्ट ने चुनाव आयोग को निकाय चुनाव के लिए अपडेट वोटर लिस्ट राज्य निर्वाचन आयोग को देने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान तीन सप्ताह के अंदर चुनाव न कराने के आदेश पर सवाल उठाए. इस पर सरकार ने कहा कि नगर निकायों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिया जाना चाहिए. रिजर्वेशन का प्रतिशत तय करने के लिए जिला स्तर पर ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया पूरी होने को है. जहां यह बाकी है, उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. राज्य सरकार ने ये भी कहा कि भारत निर्वाचन आयोग से वोटर लिस्ट भी अब तक नहीं मिल पाई. इसलिए चुनाव में देरी हो रही है.

चुनाव टालने पर कोर्ट ने जताई आपत्ति

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि ट्रिपल टेस्ट के बिना भी निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश आया था, जिसके अनुसार आरक्षण के नाम पर चुनाव नहीं टाले जा सकते. इसी देखकर लगता है कि सरकार चुनाव कराना ही नहीं चाहती है.

पहले भी हुई थी सुनवाई

इस मामले में पहले 13 जनवरी को सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव न कराए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी. अदालत ने कहा था कि यह अवमानना का मामला प्रतीत होता है. राज्य की सरकार निकायों में ओबीसी रिजर्वेशन के लिए ट्रिपल टेस्ट का प्रोसेस के नाम पर चुनाव कराने को नहीं रोका जा सकता है.

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