धनबाद का छोटू डॉन एनकाउंटर में ढेर, 4 लाख का इनामी बदमाश साथ रखता था AK-47; जानें कुख्यात अपराधी की क्राइम हिस्ट्री
धनबाद का कुख्यात अपराधी छोटू डॉन एनकाउंटर में मारा गया. छोटू पर 4 लाख का इनाम था. उसकी दहशत ऐसी थी कि अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाए. वह रंगदारी का काम करता था. इसके अलावा, वह कई गैंगवार के मामलों का मास्टरमाइंड भी रह चुका है.
धनबाद के कुख्यात अपराधी और गैंगवार का मास्टरमाइंड आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह आखिरकार पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने प्रयागराज में गुरुवार रात एक जबरदस्त मुठभेड़ के दौरान उसे ढेर कर दिया. छोटू सिंह पर हत्या, रंगदारी, अवैध हथियारों की तस्करी और गैंगवार जैसे दर्जनों संगीन मामले दर्ज थे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश एसटीएफ को पता चला कि छोटू प्रयागराज में छिपा हुआ है. उसी सूचना पर गुरुवार रात को प्रयागराज में घेराबंदी की गई. खुद को घिरा देखकर छोटू ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दी. एसटीएफ ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
अस्पताल में इलाज, लेकिन बच नहीं सका
घटना के बाद छोटू सिंह को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ घंटों के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान बरामद हथियारों की जांच शुरू कर दी है और मामले की छानबीन जारी है.
दहशत का दूसरा नाम था छोटू सिंह
छोटू सिंह का नाम धनबाद के कोयलांचल क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन गया था. वह न केवल रंगदारी वसूलता था, बल्कि गैंगवार की कई घटनाओं का मास्टरमाइंड भी रह चुका था. पिछले कुछ महीनों में उसने स्थानीय व्यापारियों को डरा-धमकाकर करोड़ों की वसूली की थी.
झारखंड के कई जिलों में जारी थे गिरफ्तारी वारंट
झारखंड पुलिस ने छोटू के खिलाफ कई जिलों में गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखे थे. लेकिन हर बार वह कानून की पकड़ से बच निकलता था. प्रयागराज में उसका मारा जाना झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.
नेटवर्क को तोड़ने की तैयारी
एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद धनबाद पुलिस ने राहत की सांस ली है. अधिकारियों का मानना है कि छोटू के मारे जाने के बाद कोयलांचल में अपराध पर काफी हद तक लगाम लगेगी. अब पुलिस उसकी गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है. धनबाद पुलिस का कहना है कि छोटू के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा और जल्द ही उसके बाकी साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
क्या छोटू की मौत से खत्म होगा गैंगवॉर का दौर?
छोटू सिंह का खात्मा निश्चित ही धनबाद और झारखंड के लिए एक राहत भरी खबर है, लेकिन बड़ा सवाल यह है. क्या यही अंत है उस अपराध की कहानी का जो उसने खून, हथियार और खौफ से लिखी थी? या अब पुलिस को उसके छिपे हुए गुर्गों का भी सामना करना होगा?





