क्या दूर हो गई विनेश फोगाट की नाराजगी? मान लिया CM सैनी का ये ऑफर
Vinesh Phogat: विनेश फोगाट ने हरियाणा सरकार को अपना अवॉर्ड वापस करने का एलान किया था. जिसके बाद हरियामा सरकार ने उन्हें तीन ऑप्शन दिए थे. अब फोगाट ने 4 करोड़ रुपये कैश इनाम लेने का फैसला किया है. इसकी जानकारी खेल विभाग की ओर से दी गी है. बता दें कि फोगाट ओलंपिक में 50 किलो वेट लिफ्टिंग के फाइनल राउंड में पहुंची थीं, लेकिन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा होने पर वह आगे नहीं बढ़ पाईं.

Vinesh Phogat: स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने हाल ही में अपना अवॉर्ड सरकार को वापस करने का एलान किया था. उन्हें हरियाणा सरकार ने इसके फैसले के बदले में तीन ऑप्शन दिए थे, जिनमें सरकारी नौकरी या 4 करोड़ रुपये केश अवॉर्ड या हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का प्लॉट शामिल थे. अब विनेश ने अपना फाइनल निर्णय ले लिया है.
जानकारी के अनुसार, विनेश फोगाट ने तीनों विकल्प में से 4 करोड़ रुपये लेने का फैसला किया है. इस संबंध में खेल विभाग की ओर से जानकारी दी गई थी. उन्होंने हरियाणा सरकार को लेकर कहा था कि बजट सत्र के समय सिल्वर मेडल के बराबर सम्मान की घोषणा की थी. 8 महीने हो गए, लेकिन कुछ नहीं मिला.
सीएम सैनी का बयान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था कि मंत्रिमंडल की बैठक में विनेश फोगाट को प्रदेश की खेल नीति के तहत स्पेशल केस मानकर उन्हें ऑप्शन दिए जाएंगे. पेरिस ओलंपिक में हार के बाद सीएम ने उनके लिए पोस्ट किया और हिम्मत बढ़ाई थी. उन्होंने लिखा था कि विनेश भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. हरियाणा समेत पूरा देश उनके साथ खड़ा है. बता दें कि फोगाट ओलंपिक में 50 किलो वेट लिफ्टिंग के फाइनल राउंड में पहुंची थीं, लेकिन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा होने पर वह आगे नहीं बढ़ पाईं.
कुश्ती से लिया सन्यास
विनेश फोगाट ने 8 अगस्त, 2024 को कुश्ती से सन्यास की घोषणा की थी. कुश्ती से सन्यास की जानकारी उन्होंने एक पोस्ट की किया. फोगाट ने लिखा था कि मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके. मेरे पास अब इससे ज्यादा ताकत नहीं है. अलविदा कुश्ती 2001-2024.
जुलाना से लड़ा था चुनाव
विनेश फोगाट ने कुश्ती से सन्यास के एलान के बाद 6 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. उन्होंने पार्टी के टिकट पर जुलाना से चुनाव लड़ा था और 6 हजार मतों से जीतीं. हालांकि उनकी जीत पर भाजपा ने लगातार हमला किया. एक इंटरव्यू में फोगाट ने कहा था कि पेरिस में जब उनके वजन को लेकर विवाद हुआ था तो सरकार की ओर से कोई फोन नहीं आया, लेकिन बाद में पीएम मोदी का फोन आया था, लेकिन मैंने रिसीव नहीं किया. भाजपा प्रति तीखे तेवर को देख कांग्रेस विनेश को अपने पाले में करने में जुट गई जो बाद में सफल भी हुई.