आधार में 'जिंदा' कर्मचारी को बताया 'मृत', कोविड के बाद नहीं मिला वेतन; हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने मामले को बताया 'गंभीर'
हरियाणा के रोहतक में लोक स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी विजय कुमार को आधार रिकॉर्ड में मृतक दर्ज होने के कारण कोविड-19 के बाद उनका वेतन नहीं मिला. आयोग ने पाया कि विभाग ने एचकेआरएनएल पोर्टल पर रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया, जिससे उन्हें अनावश्यक आर्थिक और मानसिक कठिनाइयां झेलनी पड़ीं. यह प्रशासनिक चूक कर्मचारी के अधिकार और गरिमा पर गंभीर प्रभाव डालती है.
Rohtak News: हरियाणा के रोहतक में स्थित वाल्मीकि बस्ती के रामलीला पड़ाव निवासी विजय कुमार, जो लोक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं, कोविड-19 के बाद अपने वेतन से वंचित रह गए. इसका कारण यह था कि उनके आधार रिकॉर्ड में उनका स्टेटस 'मृतक' दर्ज था, जबकि वे जीवित हैं और नियमित रूप से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं. इस प्रशासनिक त्रुटि के चलते उन्हें वैध वेतन प्राप्त नहीं हो सका, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा.
हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया. आयोग ने पाया कि लोक स्वास्थ्य विभाग ने शिकायतकर्ता के रिकॉर्ड को एचकेआरएनएल पोर्टल पर अपडेट नहीं किया, जबकि यह ज्ञात था कि आधार में मृतक के रूप में दर्ज स्टेटस गलत था.
आयोग ने निष्क्रियता को बताया गंभीर
आयोग ने इस निष्क्रियता को गंभीर बताया और कहा कि ऐसे मामलों से किसी व्यक्ति की आजीविका, आत्मविश्वास और मानसिक शांति पर नकारात्मक असर पड़ता है. साथ ही आयोग ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की चूक न हो और सही रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जाए.
अन्य राज्यों में भी देखे गए ऐसे ही मामले
हरियाणा के रोहतक जिले में विजय कुमार के मामले के समान ही, अन्य राज्यों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं. उदाहरण के लिए, झारखंड के एक कर्मचारी के मामले में, आधार में मृतक दर्ज होने के कारण उनका वेतन रोक दिया गया था, हालांकि बाद में यह त्रुटि सुधारी गई. इस प्रकार की घटनाएं प्रशासनिक चूक के कारण होती हैं, जो कर्मचारियों के आर्थिक और मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं.





