Open And Shut: राधिका मर्डर मामले की गुरुग्राम पुलिस ने बंद की जांच, दोस्त के आरोपों का क्या दिया जवाब?
टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या में गुरुग्राम पुलिस ने इसे ‘ओपन एंड शट’ केस बताया है. पिता दीपक यादव ने अपराध कबूल किया, जबकि सोशल मीडिया पर फैले पूर्व-नियोजित हत्या और सामाजिक दबाव के दावों को पुलिस ने जांच से अलग बताया. व्हाट्सएप चैट्स में राधिका की स्वतंत्रता की चाहत भी सामने आई है, लेकिन पुलिस ने सबूतों के आधार पर चार्जशीट तैयार की है.

टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर जो तूफान उठा, उसने कई सवाल खड़े किए. इंस्टाग्राम पर उनकी दोस्त हिमांशिका सिंह राजपूत ने इसे 'पूर्व नियोजित हत्या' बताया और दावा किया कि सामाजिक दबाव और उनके पिता के दोस्तों की टिप्पणियों ने राधिका को मानसिक रूप से तोड़ दिया था. लेकिन पुलिस ने इन वीडियो बयानों को जांच का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया है और इसे "ओपन एंड शट" केस बताया है.
गुरुग्राम पुलिस का कहना है कि आरोपी दीपक यादव ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है. उसके खिलाफ फोरेंसिक सबूत, हत्या में इस्तेमाल लाइसेंसी रिवॉल्वर और घटनास्थल से मिले चार कारतूस पुलिस के पास हैं. पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार के मुताबिक, किसी बाहरी व्यक्ति की साजिश का कोई प्रमाण नहीं मिला है. पुलिस ने गांव के 20 से अधिक लोगों से पूछताछ की, लेकिन किसी ने भी भड़काने की बात स्वीकार नहीं की.
पहले से प्लान था मर्डर
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 11 जुलाई की सुबह जब राधिका रसोई में अपनी मां के जन्मदिन के लिए नाश्ता बना रही थीं, तभी दीपक यादव ने अपने बेटे को दूध लाने भेजा जो आमतौर पर उसका काम नहीं होता था. बेटे के जाते ही उसने चार गोलियां राधिका की पीठ में दाग दीं. यह दर्शाता है कि अपराध पूरी तरह से पूर्व नियोजित था.
बेटी की आज़ादी से चिढ़ा था पिता
पूछताछ में दीपक यादव ने स्वीकार किया कि उसे बेटी की बढ़ती कमाई, ऑनलाइन लोकप्रियता और उसके जीवनशैली से चिढ़ थी. गांव के लोगों की टिप्पणियों और चरित्र पर लगे सवालों से वह भीतर ही भीतर कुंठित था. पुलिस का मानना है कि ये व्यक्तिगत और सामाजिक दबाव ही इस अपराध के पीछे की मूल वजह बनें.
घर से निकलना चाहती थी राधिका
राधिका यादव के फोन से मिले व्हाट्सएप चैट बताते हैं कि वह घर की पाबंदियों से तंग आ चुकी थीं. एक चैट में उन्होंने लिखा, 'जिंदगी का आनंद लेना चाहती हूं, इधर कुछ पाबंदियां हैं.' वह दुबई या ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ाई और स्वतंत्र जीवन बिताने की योजना भी बना रही थीं. यह इस ओर इशारा करता है कि वह अपने घर के माहौल से खुश नहीं थीं.
'इन्फ्लुएंसर' नहीं थीं राधिका
हालांकि सोशल मीडिया पर राधिका को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं, लेकिन उनका इंस्टाग्राम अकाउंट प्राइवेट था और सिर्फ 69 फॉलोअर्स थे. इससे स्पष्ट होता है कि वे किसी भी तरह से 'सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर' नहीं थीं. पुलिस ने इन तथ्यों के आधार पर सोशल मीडिया थ्योरी को दरकिनार कर दिया है और मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने की बात कही है.