Begin typing your search...

SC ने EVM मंगाकर दोबारा कराई वोटों की गिनती... पानीपत का शख्स तीन साल बाद बना सरपंच

3 साल पहले हुए चुनाव के परिणाम को सुप्रीम कोर्ट ने बदल दिया है. दरअसल गिनती में हुई गलती के चलते हारे हुए उम्मीदवार को सरपंच बनाया गया था, जिसके खिलाफ दूसरे कैंडिडेट ने पंजाब और हरियाणा में याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसे बाद कोर्ट दोबारा EVM मंगाकर गिनती करवाई और फिर पहले हारे हुए शख्स को विजेता बना दिया.

SC ने EVM मंगाकर दोबारा कराई वोटों की गिनती...  पानीपत का शख्स तीन साल बाद बना सरपंच
X
( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 14 Aug 2025 11:34 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में दो साल दस महीने पहले हुए सरपंच चुनाव के नतीजों को पलट दिया है. इस फैसले के बाद पहले पराजित घोषित किए गए प्रत्याशी को अब विजेता घोषित कर दिया गया है. यह मामला हरियाणा के पानीपत जिले के गांव बुआना लाखु का है.

चुनाव में हारने के बाद मोहित ने ईवीएम की दोबारा गिनती की मांग को लेकर हाई कोर्ट का रुख किया, लेकिन याचिका खारिज हो गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मोहित की याचिका तीन जजों की पीठ ने स्वीकार की और दो महीने में ईवीएम की निगरानी में गिनती कराई. परिणामस्वरूप, मोहित 51 वोटों से विजयी पाए गए. आज 14 अगस्त को उन्हें बुआना लाखु गांव के सरपंच पद की शपथ दिलाई जाएगी.

एक बूथ से बदला पूरा परिणाम

गांव के लिए कुल छह बूथ बनाए गए थे. बूथ नंबर 65, 66, 67, 68, 69 और 270. बूथ नंबर 69 पर एक बड़ी गलती हो गई. वहां ईवीएम में दर्ज वोटों की गणना में चूक हुई. जो वोट मोहित को मिले थे, वे गलती से कुलदीप के खाते में जोड़ दिए गए और कुलदीप के वोट मोहित को दे दिए गए. इस अदला-बदली के बाद सभी बूथों के कुल आंकड़ों के आधार पर कुलदीप को विजेता घोषित कर दिया गया और उन्हें विजयी प्रमाणपत्र भी थमा दिया गया. लेकिन बाद में जब गड़बड़ी पकड़ी गई तो निर्वाचन अधिकारी ने संशोधित परिणाम जारी करते हुए मोहित को विजेता घोषित कर दिया.

कुलदीप ने लड़ी कानूनी लड़ाई

मोहित को भले ही नया विजेता घोषित किया गया, लेकिन कुलदीप ने हार मानने से इनकार कर दिया. वह 12 नवंबर 2022 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा और वहां से स्टे ऑर्डर ले आया. हाई कोर्ट में मामला करीब ढाई साल तक चला और आखिरकार 1 जून 2025 को कोर्ट ने दोबारा मतगणना की मांग खारिज कर दी. फैसला कुलदीप के पक्ष में गया.

सुप्रीम कोर्ट की दखल

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोहित 12 जून 2025 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई हुई। 7 जुलाई 2025 को कोर्ट ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपनी निगरानी में ईवीएम की दोबारा गिनती का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट में दोबारा मतगणना हुई. कुलदीप को 1000 वोट और मोहित को 1051 वोट मिले, जिससे यह साफ हो गया है कि शुरू से ही मोहित ही असली विजेता थे. अब उन्हें आज शपथ दिलाई जाएगी.

हरियाणा न्‍यूज
अगला लेख