बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आया था ज्योति का परिवार, कई लोग रहे सरकारी कर्मचारी; पंजाब के बाद हरियाणा हुए थे शिफ्ट
पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पकड़ी गई ज्योति मल्होत्रा एक सामान्य भारतीय परिवार से ताल्लुक रखती है, जो विभाजन के बाद बहावलपुर से भारत आया था. हरियाणा के हिसार में पली-बढ़ी ज्योति वीडियो बनाती थी और शादी से लगातार इनकार करती रही. अब उसकी गिरफ्तारी ने परिवार और सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया है.
स्वतंत्र भारत के इतिहास में पाकिस्तान और भारत के संबंध हमेशा तल्ख रहे हैं, लेकिन जब कोई अपने ही देश में रहते हुए दुश्मन की साजिश का हिस्सा बन जाए, तो यह चोट और गहरी हो जाती है. ऐसी ही कहानी है ज्योति मल्होत्रा की, जो एक सामान्य परिवार की बेटी थी लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पकड़ी गई. यह घटना सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि इस बात की चेतावनी है कि दुश्मन किस तरह समाज के भीतर से ही अपने हथियार चुनता है.
ज्योति का परिवार मूल रूप से पाकिस्तान के बहावलपुर से आया था और भारत के विभाजन के दौरान हजारों परिवारों की तरह वह भी पंजाब के फरीदकोट में आकर बस गया था. शुरुआत में किराए के मकान में रहने के बाद उन्होंने हिसार को स्थायी ठिकाना बना लिया. उनका परिवार शिक्षित था, और उसके कई सदस्य सरकारी नौकरियों में थे. इस पृष्ठभूमि से किसी सदस्य का जासूसी गतिविधियों में शामिल होना, एक बड़ा सामाजिक और सुरक्षा का प्रश्न खड़ा करता है.
दादा थे अस्पताल में सुपरिटेंडेंट
परिवार के सदस्य खुशहाल चंद बताते हैं कि वे फरीदकोट में करीब पांच साल रहे, फिर हिसार आ गए. उनके दादा चंद्रभान सिविल अस्पताल में सुपरिटेंडेंट थे और बाद में रोहतक से रिटायर हुए. खुद खुशहाल बिजली बोर्ड से सेवानिवृत्त हुए. ज्योति के पिता हरीश हालांकि ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मेहनत से अपने परिवार को साधारण लेकिन सुरक्षित जीवन देने की कोशिश की.
20 साल पहले बनाया था घर
परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ज्योति का परिवार पहले डोगरान मोहल्ला और फिर आजाद नगर में रहा. 20 साल पहले उन्होंने न्यू अग्रसेन कॉलोनी में 55 गज का दो कमरों का घर बनाया. इसी घर के एक कमरे में बैठकर ज्योति वीडियो बनाती थी, जो अब शक की निगाह से देखे जा रहे हैं. इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में ये वीडियो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सूचनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम भी बन सकते हैं.
शादी के लिए करती थी बहाने
ज्योति की उम्र अब 33 साल है और पिता हरीश बताते हैं कि उन्होंने कई बार बेटी से शादी के लिए कहा, लेकिन हर बार वह किसी न किसी बहाने से मना कर देती थी. शादी से इनकार को परिवार ने सामान्य निजी पसंद समझा, लेकिन अब जब जासूसी के आरोप सामने आए हैं, तो परिवार खुद भी हैरान है कि उनके बीच रह रही बेटी किस मानसिकता में उलझ चुकी थी.
भीतर से कमजोर करने की साजिश
इस पूरे मामले ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ समाज को भी झकझोर दिया है. जहां एक ओर ये घटना सीमाओं के पार से आने वाले खतरे को उजागर करती है, वहीं यह भी दर्शाती है कि दुश्मन अब हमारी कमजोरियों का फायदा उठाकर हमें भीतर से ही कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी एक मिसाल है कि सतर्कता केवल सीमाओं पर नहीं, घर के भीतर भी जरूरी है.





