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हरियाणा की मिट्टी से निकले 8 फुट के कंकाल! इंसान थे या कोई रहस्यमयी प्रजाति, क्या बोले गाववाले?

हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र के गांव देवरड़ में रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब मनरेगा योजना के तहत चल रही तालाब की खुदाई के दौरान मिट्टी से एक के बाद एक कुल 10 नर कंकाल निकले. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से एक कंकाल की लंबाई करीब 8 फुट बताई जा रही है.

हरियाणा की मिट्टी से निकले 8 फुट के कंकाल! इंसान थे या कोई रहस्यमयी प्रजाति, क्या बोले गाववाले?
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( Image Source:  META AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 3 Dec 2025 3:18 PM IST

हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र के गांव देवरड़ में रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब मनरेगा योजना के तहत चल रही तालाब की खुदाई के दौरान मिट्टी से एक के बाद एक कुल 10 नर कंकाल निकले. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से एक कंकाल की लंबाई करीब 8 फुट बताई जा रही है, जो सामान्य मानव कद से काफी अधिक है. साथ ही, इन कंकालों के जबड़े और अन्य हड्डियां भी सामान्य मानव हड्डियों की तुलना में काफी बड़ी और भारी हैं.

खुदाई में इन कंकालों के साथ कुछ प्राचीन मिट्टी के बर्तन और मटके भी मिले हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि ये अवशेष संभवतः किसी पुराने सभ्यता या समुदाय से जुड़े हो सकते हैं. यह रहस्य और भी गहरा तब हो गया जब ग्रामीणों ने दावा किया कि यह स्थान कभी मुस्लिम समुदाय का कब्रिस्तान हुआ करता था.

कैसे हुआ रहस्योद्घाटन?

गांव देवरड़ में दो महीने से मनरेगा के तहत एक पुराने तालाब की गहराई बढ़ाने का कार्य चल रहा था. रोजाना 50-60 मजदूर इस काम में जुटे थे. रविवार को जब मजदूर मिट्टी हटा रहे थे, तभी अचानक एक कंकाल उनके सामने आ गया। घबराए मजदूरों ने तुरंत गांव के सरपंच को सूचना दी, जिसके बाद बीडीपीओ प्रतीक जांगड़ा को मामले की जानकारी दी गई. कुछ ही समय में खुदाई के दौरान और भी कंकाल निकलते चले गए.

जांच के आदेश, खुदाई पर रोक

जुलाना के बीडीपीओ प्रतीक जांगड़ा ने बताया, 'खुदाई के दौरान कंकाल मिलने की सूचना के बाद काम को तुरंत रोक दिया गया है। पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिकों की एक टीम को जानकारी दे दी गई है। पूरी जांच के बाद ही आगे की खुदाई पर कोई निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि इन कंकालों की असामान्य लंबाई और आकार को देखते हुए यह मामला केवल ऐतिहासिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है.

क्या ये सुनियोजित तरीके से दफनाए गए थे?

ग्रामीणों और मजदूरों का मानना है कि इन शवों को कोई सामान्य तरीके से नहीं, बल्कि सुनियोजित रूप से दफनाया गया है. मिट्टी की गहराई और हड्डियों की स्थिति देखकर कुछ बुजुर्गों ने बताया कि आज़ादी से पहले इस इलाके में एक मुस्लिम कब्रिस्तान हुआ करता था, जो समय के साथ खत्म हो गया और उसे तालाब में बदल दिया गया. हालांकि, पहले कभी खुदाई के दौरान ऐसा कोई अवशेष नहीं मिला था.

रहस्य की परतें अब खुलेंगी?

अब सबकी निगाहें पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिकों की टीम पर टिकी हैं, जो इन कंकालों की उम्र, कारण और असामान्य लंबाई के रहस्य को सुलझाने की दिशा में काम करेगी. यह मामला हरियाणा की मिट्टी में छिपे इतिहास के किसी नए अध्याय की ओर इशारा करता है.

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