55 हजार में बताती थी बच्चा लड़का या लड़की, हरियाणा में कोख की दलाली करने वाली डॉक्टर और बेटा गिरफ्तार
हरियाणा के झज्जर में स्वास्थ्य विभाग टीम ने मां-बेटे को गिरफ्तार किया है, जो लिंग जांच का रैकेट चला रहे थे. गर्भ में लड़का है या लड़की इस बात को बताने के लिए 55 हजार रुपये लेते थे. डिपार्टमेंट की टीम ने नकली ग्राहक के जरिए दोनों को धर दबोचा है.

भारत सरकार ने गर्भ में लिंग जांच पर सख्त रोक लगाई है. इसके बावजूद कई जगहों पर यह चोरी-छिपे की जाती है, जिससे समाज में लड़कियों की संख्या घट रही है और लिंग अनुपात बिगड़ रहा है. हरियाणा के झज्जर में अवैध लिंग जांच का कारोबार चल रहा था, जिसका पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया.
स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिली कि हेमलता नाम की एक महिला है, जो खुद को बीएएमएस डॉक्टर बताती है. वह गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग जांचती थी. अगर जांच में पता चलता कि लड़की है, तो वह गर्भपात भी करवा देती थी और इसके लिए लोगों से मोटी रकम लेती थी. इस अवैध काम में उसके बेटे की भी मिलीभगत थी. वह भी मां का साथ देता था और इस गैरकानूनी धंधे में शामिल था. टीम ने तुरंत कार्रवाई की और पुलिस के साथ मिलकर दोनों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया.
ऐसे किया पर्दाफाश
स्वास्थ्य विभाग ने एक टीम बनाई, जिसमें पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. संदीप कुमार, डॉ. आकृति हुड्डा, डॉ. हर्षदीप और विनोद कुमार शामिल थे. टीम ने एक 4 महीने की गर्भवती महिला को नकली ग्राहक बनाया और प्लान के मुताबिक हेमलता को फोन कराया. महिला ने कहा 'मेरी पहले से तीन बेटिया हैं, अब बेटा चाहिए. क्या आप लिंग की जांच कर सकती हैं?' कुछ बातचीत के बाद 55,000 में सौदा तय हुआ और हेमलता ने लिंग जांच करने के लिए हामी भर दी.
सौदा पक्का, लेकिन तारीखें बदलती रहीं
हेमलता ने नकली ग्राहक को पैसे लेकर अपने शिव कॉलोनी वाले घर बुलाया. लेकिन इसके बाद अल्ट्रासाउंड की तारीख बार-बार बदली जाने लगी. पहले 18 जुलाई, फिर 19, फिर 20 जुलाई बताई गई. आखिरकार 25 जुलाई की रात साढ़े सात बजे अल्ट्रासाउंड के लिए बुलाया गया.
रात के अंधेरे में हुई अवैध लिंग जांच
25 जुलाई की रात हेमलता ने नकली ग्राहक को अपने क्लीनिक पर बुलाया. वहां आशीष सैनी उर्फ सुरेश नाम का एक शख्स पहले से मौजूद था, जो दिल्ली के नांगलोई से पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर आया था. उसने अल्ट्रासाउंड करके बताया कि पेट में लड़की है, और कहा कि अगर चाहो तो 25 हजार में गर्भपात भी करवा देंगे. इसके बाद हेमलता ने अपने बेटे विक्रम को स्कूटी से बुलाया और उसकी मदद से ग्राहक को घर ले गई. घर पहुंचकर ग्राहक ने इशारे से पास में मौजूद पीएनडीटी टीम को सूचना दे दी, जो पहले से तैयार थी.
छापेमारी और हड़कंप
इशारे के बाद पीएनडीटी टीम ने तुरंत हेमलता के घर पर छापा मारा. वहां से गर्भपात में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां और औजार बरामद किए गए. इसके बाद टीम हेमलता और नकली ग्राहक को लेकर संगम क्लीनिक पहुंची, लेकिन तब तक आशीष सैनी अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर भाग चुका था.
लालच, अपराध और कानून
यह घटना बताती है कि कैसे कुछ लोग पैसे के लालच में कानून और मानवता दोनों की सीमा पार कर जाते हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की सतर्कता से एक गंभीर अपराध समय रहते रोक लिया गया. अब देखना होगा कि फरार आरोपी कब गिरफ्त में आता है और कोर्ट इन आरोपियों को क्या सज़ा देता है.