महाराष्ट्र से है, हरियाणवी में बात कर... नासिक के लड़के से हरियाणवी बुलवाते ताऊ का Video Viral
इस वीडियो ने स्पष्ट कर दिया कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है. जहां कुछ हिस्सों में भाषा को लेकर बांटने वाली मानसिकता देखने को मिल रही है.

देश में इन दिनों भाषा को लेकर बहस तेज़ हो गई है, खासकर महाराष्ट्र में, जहां मराठी भाषा को लेकर लगातार विवाद सामने आ रहे हैं. सोशल मीडिया और न्यूज़ मीडिया में आए दिन ऐसे वीडियो वायरल होते हैं, जिनमें किसी को केवल इसलिए टोक दिया गया कि वह मराठी नहीं बोल रहा था. कुछ मामलों में लोगों के साथ अभद्रता और मारपीट तक हो चुकी है. लेकिन इस बीच, हरियाणा से एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जो भारत की असली आत्मा और भारतीयता को बखूबी दर्शाता है.
यह वीडियो न सिर्फ दिल छू लेने वाला है, बल्कि एक गहरी सामाजिक और राष्ट्रीय एकता का मैसेज भी देता है. दरअसल वायरल हो रहे इस वीडियो में एक हरियाणवी ताऊ सड़क पर खड़े होकर ज़ोर से आवाज़ लगाते हैं– यहां महाराष्ट्र से कौन है?'. थोड़ी ही देर में एक लड़का उनके पास आता है और बताता है कि वह नासिक (महाराष्ट्र) से है. ताऊ उससे कहते हैं- हरियाणवी में बात कर...लड़का मुस्कुराते हुए सिर हिलाता है और कहता है कि उसे हरियाणवी नहीं आती.' इसके बाद ताऊ जो कहते हैं, वो सीधे दिल को छू जाता है. वह न तो नाराज़ होते हैं, न ही भाषा को लेकर कोई ताना मारते हैं. बल्कि बेहद प्यार और सम्मान से बोलते हैं- नहीं आती तो कोई बात नहीं अरे, तेरा देश है, यहां तू काम नहीं करेगा तो कौन करेगा? तेरा देश है, तू जो मर्जी कर.'
सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार
यह वीडियो @VikashMohta_IND नाम के एक अकाउंट से एक्स हैंडल पर पोस्ट किया गया था और खबर लिखे जाने तक 18 हजार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. लोगों की प्रतिक्रियाएं बेहद इमोशनल हैं. एक ने कहा, 'हरियाणवी भाई ने दिल जीत लिया.' दूसरे ने कहा, 'देश पहले, बाकी सब बाद में.' तीसरे ने कहा, 'एक सच्चे भारतीय का उदाहरण.' एक अन्य ने कहा, 'यही है असली भारत, जो सबको गले लगाता है.'
लोगों के दिलों में ज़िंदा है
इस वीडियो ने स्पष्ट कर दिया कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है. जहां कुछ हिस्सों में भाषा को लेकर बांटने वाली मानसिकता देखने को मिल रही है, वहीं हरियाणा का यह वीडियो बताता है कि असली भारतीय वह है जो विविधता में एकता को स्वीकार करता है, सम्मान देता है और भाईचारे की मिसाल बनता है.
भाषा पर चल रहा विवाद
महाराष्ट्र में भाषा विवाद, खासकर मराठी और हिंदी को लेकर, लंबे समय से एक संवेदनशील और राजनीतिक मुद्दा रहा है. यह विवाद मुख्य रूप से मराठी अस्मिता, स्थानीय संस्कृति और हिंदी के कथित 'थोपे जाने' को लेकर उभरता है. हाल के वर्षों में यह मुद्दा कई बार सुर्खियों में रहा है, खासकर 2025 में, जब कुछ घटनाओं और नीतिगत फैसलों ने इसे और हवा दी. 2025 में महाराष्ट्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत क्लास 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी मिडयम के स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने का फैसला किया। इसे 2025-26 academic session से लागू करने की योजना थी. जून-जुलाई 2025 में मुंबई के मीरा रोड और अन्य इलाकों में हिंदी या गैर-मराठी भाषी दुकानदारों पर मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा कथित मारपीट की घटनाएं सामने आईं. उदाहरण के लिए, एक गुजराती दुकानदार को मराठी न बोलने के कारण पीटा गया, और शेयर बाजार एनालिस्ट सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई क्योंकि उन्होंने मराठी न सीखने की बात कही.