क्या नायब सैनी सरकार से बिगड़े अनिल विज के रिश्ते? भाजपा नेता ने X बायो से हटाया 'मंत्री' शब्द, दरार की अफवाहें तेज
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अपने सोशल मीडिया प्लेॉफॉर्म X अकाउंट से 'मंत्री' शब्द को हटा दिया है. विज के इस पोस्ट के बाद राजनीति में हलचल बढ़ गई थी. इस कदम ने अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी के अंदर कुछ गड़बड़ है. भाजपा में मनमुटाव की अटकलों को फिर से हवा मिलने लगी.

Anil Vij News: हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज अपने तेवर और बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. अब वह फिर चर्चा में आ गए हैं. मंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेॉफॉर्म X अकाउंट से 'मंत्री' शब्द को हटा दिया है. उसकी जगह पर 'अंबाला कैंट, हरियाणा' लिखा हुआ है. इसने हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर मनमुटाव की चर्चा तेज कर दी है.
अनिल विज ने बुधवार (17 सितंबर) को अपना प्रोफाइल बायो अपडेट किया. अपने नाम के आगे से मंत्री शब्द को हटाने के फैसले ने कई सवालों को जन्म दिया है. कुछ का कहना है कि क्या अनिल विज भाजपा से दूर जा रहे हैं या अपने पद छोड़ने की तैयारी में हैं. हालांकि आधारिक बयान कुछ नहीं आया.
अनिल विज नहीं रहे मंत्री?
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री ने अनिल विज ने जैसे ही अपने एक्स अकाउंट से मंत्री शब्द को हटाया. उसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी चर्चा तेज हो गई. भाजपा में मनमुटाव की अटकलों को फिर से हवा मिलने लगी. हाल ही में विज ने एक्स अकाउंट पर लिखा था कि 'अंबाला छावनी में कुछ लोग समानांतर भाजपा चला रहे हैं, जिन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का आशीर्वाद भी प्राप्त है. पार्टी के नुकसान को देखते हुए क्या किया जाए?'
अनिल विज के इस पोस्ट के बाद राजनीति में हलचल बढ़ गई थी. इस कदम ने अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी के अंदर कुछ गड़बड़ है. लोगों को लग रहा है कि अनिल विज पार्टी से नाराज हैं या फिर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ उनके रिश्तों का गणित ठीक नहीं बैठ रहा है.
हरियाणा भाजपा में मनमुटाव
अनिल विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर की गई टिप्पणी पर विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में उन्हें तीन दिन में लिखित जवाब देने को कहा गया था. विज ने इस नोटिस का जवाब आठ पन्नों में सौंपा. इसके बाद न तो विज ने सार्वजनिक रूप से कोई नया बयान दिया, न ही बड़ौली ने मामले पर खोला चर्चा.
इस घटना ने पार्टी के अंदर तनाव को और बढ़ा दिया. लिस्ट में बदलाव भी हुआ. स्वतंत्रता दिवस के ध्वजारोहण कार्यक्रम की शुरुआत में विज का नाम शामिल नहीं था, लेकिन बाद में उसमें संशोधन कर विज का नाम जोड़ा गया. विज ने विधानसभा में भी दावा किया कि उन पर जासूसी की साजिश रची गई है. इस आरोप के बाद विवाद और बढ़ गया.