हरियाणा के 'चुनावी ओलंपिक' में विनेश फोगाट ने जीता गोल्ड, बीजेपी उम्मीदवार को किया चारों खाने चित्त
Julana Election Result: ओलंपिक में नियम से लाचार विनेश फोगाट ने 'चुनावी ओलंपिक' में झंडे गाड़ दिए हैं. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार कैप्टन योगेश कुमार को हार स्वाद चखाया है. यहां दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला.

Julana Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद आज वोटों की गिनती जारी है, जिसमें सबसे हॉट सीन जुलाना विधानसभा पर सबकी नजर बनी हुई है. यहां से पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी और कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट ने जीत दर्ज कर ली है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार कैप्टन योगेश कुमार को तगड़ी पटखनी दी है. विनेश ने कैप्टन योगेश को 6015 वोटों से हरा दिया है. 14वें राउंड की मतगणना के बाद विनेश फोगाट की जीत का रास्ता साफ हो गया था. विनेश की जीत से उनके समर्थक जोश में भर गए हैं.
हालांकि, शुरूआती रुझानों में दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली, जहां विनेश पीछे भी चल रही थी. लेकिन आखिरी राउंड में उन्होंने बाजी पलट दी. वहीं इनेलो के सुरेंद्र लाथर, जेजेपी से अमरजीत ढांडा और AAP से डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल चुनाव मैदान तो थे, लेकिन इन दोनों प्रत्याशियों की लड़ाई के आगे हवा हो गए. योगेश बैरागी ने नौ साल तक भारतीय सेना में कैप्टन के तौर पर काम किया और उसके बाद विमानन और उसके बाद राजनीति में अपना करियर बनाया.
ओलंपिक में ताकत ने नहीं, नियम ने दी थी मात
पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट को उस समय बहुत बड़ा धक्का लगा था, जब फाइनल मैच के दौरान 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से उन्हें बाहर कर दिया था. इसके बाद उन्होंने ओलंपिक से सन्यांस का एलान कर दिया था. हालांकि, इसके बाद भारत को लोगों की सहानभुति मिली थी.
ओलंपिक पदन नहीं मिलने के बाद भी भारत लौटने पर स्थानीय किसान-आधारित सामुदायिक संगठन, हरियाणा की खाप पंचायतों ने उनका जमकर सम्मान किया था. माना जा रहा है कि कांग्रेस फोगाट की इसी लोकप्रियता का फायदा उठाया और चुनाव लड़ने का ऑफर दे दिया. जिसे विनेश ने हाथों-हाथ स्वीकार कर लिया. उनके इस फैसले से सारे पहलवान भी कांग्रेस की ओर जाने में कामयाब हो गए.
जुलाना में विनेश को मिला जाट का सपोर्ट
हरियाणा के किसानों की एक बड़ी संख्या जाट समुदाय से है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ रहे हैं. ऐसे में फोगाट के कांग्रेस में प्रवेश से उन्हें अपने जाट वोटों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है.