गुरुग्राम पुलिस ने जरूरी सबूत छिपाने के लिए Whatsapp के खिलाफ की FIR
गुरुग्राम पुलिस ने व्हाट्सएप और इसके नोडल अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस का आरोप है कि व्हाट्सएप एक चल रही जांच से जुड़े कानूनी निर्देशों का पालन करने में विफल रहा है. यह कार्रवाई उस एफआईआर के आधार पर की गई है जिसमें धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज है, जिसे साइबर पुलिस स्टेशन देख रहा है.

Gurugram : गुरुग्राम पुलिस ने व्हाट्सएप और इसके नोडल अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस का आरोप है कि व्हाट्सएप एक चल रही जांच से जुड़े कानूनी निर्देशों का पालन करने में विफल रहा है. यह कार्रवाई उस एफआईआर के आधार पर की गई है जिसमें धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज है, जिसे साइबर पुलिस स्टेशन देख रहा है.
पुलिस का दावा है कि व्हाट्सएप ने महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को रोककर जांच में बाधा डाली है. इन सबूतों से आरोपी की पहचान करने में मदद मिल सकती थी. एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सएप का मांगी गई जानकारी देने से इनकार करना, जानबूझकर बाधा डालने के रूप में देखा जा रहा है.
सूचना की मांग और व्हाट्सएप का जवाब
गुरुग्राम पुलिस ने 17 जुलाई 2024 को व्हाट्सएप को एक नोटिस भेजकर कुछ विशिष्ट फोन नंबरों की जानकारी मांगी थी, जो मामले से जुड़े थे. व्हाट्सएप ने 19 जुलाई को जवाब देते हुए कथित आपराधिक गतिविधि के बारे में स्पष्टीकरण मांगा. इसके बाद, पुलिस ने 25 जुलाई को फिर से जवाब भेजा और अपनी सूचना की मांग को दोहराया.
23 अगस्त 2024 को पुलिस ने फिर से एक जवाब भेजा जिसमें मामले की गंभीरता पर जोर दिया और तत्काल कार्रवाई की मांग की. इसके बावजूद, व्हाट्सएप ने 28 अगस्त 2024 को इस वैध अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. पुलिस के अनुसार, व्हाट्सएप का यह इनकार स्टेचरी ऑब्लिगेशन को दर्शाता है.
कानूनी आदेशों का पालन ना करना
पुलिस की शिकायत में कहा गया है कि व्हाट्सएप का वैध आदेशों का पालन करने से इनकार और जानकारी देने में विफलता, कानूनी निर्देशों का जानबूझकर पालन ना करना है. इसके चलते व्हाट्सएप ने आरोपी व्यक्तियों की सहायता की है और महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को दबाया है, जो न्याय की प्रक्रिया में बाधा डालने के समान है.
मामले को लेकर व्हाट्सएप की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जबकि पुलिस ने कार्रवाई के लिए कड़ा कदम उठाया है.