'उसे मारो या छोड़ो मुझे कोई मतलब नहीं', बाबा सिद्दीकी के हत्यारे पोते पर भड़कीं दादी
गुरमेल बलजीत का घर कैथल जिले के नरड गांव में पड़ता है। वह साल 2019 में एक हत्या के केस में कैथल जेल में बंद था। वह जमानत पर रिहा होने के बाद मुंबई चला गया था और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आ गया था। दादी फूली देवी (60) ने बताया कि वह 11 साल पहले ही उसे और उसके परिवार को घर से बेदखल कर चुके हैं।

मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। शूटर गुरमेल बलजीत हरियाणा के कैथल का रहने वाला है और दूसरा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वहीं, तीसरे की तलाश जारी है। इस हमले की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरमेल बलजीत का घर कैथल जिले के नरड गांव में पड़ता है। वह साल 2019 में एक हत्या के केस में कैथल जेल में बंद था। वह जमानत पर रिहा होने के बाद मुंबई चला गया था और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आ गया था।
दादी ने बताई पूरी बात
नरड़ गांव में गुरमेल बलजीत की सिर्फ दादी रहती है। मिली जानकारी के अनुसार, परिवार में एक मात्र दादी ही जिंदा है। दादी फूली देवी (60) ने बताया कि वह 11 साल पहले ही उसे और उसके परिवार को घर से बेदखल कर चुके हैं। पहले वो मेरा पोता लगता था लेकिन अब मेरा कोई नहीं लगता है। अब चाहे तो कोई उसको मारे या फिर छोड़े, हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है। वैसे भी पिछले 4-5 महीने में कोई पता नहीं है। न उसका कोई फोन आया और न हो घर आया है।
कैथल जेल से ही बने थे संबंध
बताया जा रहा है कि कैथल जेल में ही उसके संबंध लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों से बने थे। आरोपी गुरमेल के माता-पिता का निधन हो चुका है। साथ ही वह काफी समय से अपने गांव नहीं गया था। करीब डेढ़-दो महीने तक आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर की रेकी की थी। मुंबई क्राइम ब्रांच की कई टीमें मामले की जांच कर रही हैं।
हत्या के मामले में गया था जेल
दादी ने बताया कि गुरमेल पहले जेल जा चुका है। हमें नहीं पता कि वो जेल से कैसे बाहर आया, किसने उसकी जमानत कराई। वह तीज-त्योहार पर भी घर नहीं आता है। बता दें, 2019 में कैथल जिले के नरड़ गांव में सुनील नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का मुख्य आरोपी सुनील का छोटा भाई अशोक था। अशोक ने इस घटना को अंजाम अपने दोस्त गुरमेल और सुल्तान के साथ मिलकर दिया था।