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Pint of Science festival: पब में पिया ज्ञान का जाम, जब सांप, टीके और साइंस पर छिड़ी दिलचस्प बहस

'पिंट ऑफ साइंस फेस्टिवल' दिल्ली के एक पब में होस्ट किया गया, जहां लोगों को बड़े मजेदार तरीके से साइंस के बारे में समझाया. साथ ही, गेम खेले गए, जिसमें बताया गया कि कैसे सांप काटे, तो क्या करना चाहिए. इसकी वैक्सीन कैसे काम करती है.

Pint of Science festival: पब में पिया ज्ञान का जाम, जब सांप, टीके और साइंस पर छिड़ी दिलचस्प बहस
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( Image Source:  x-iracypsicologia )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 22 May 2025 2:37 PM IST

सोचिए, अगर आपको सांपों से बचने के तरीके या टीकों की ताकत जाननी हो, तो क्या आप किसी स्कूल या सेमिनार की कल्पना करेंगे? लेकिन दिल्ली के हौज खास इलाके में सोमवार शाम को कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिला. यहां फोर्ट सिटी ब्रू पब में लोग मौज-मस्ती करते हुए साइंस की बातों में डूबे हुए थे. मौका था 'पिंट ऑफ साइंस फेस्टिवल' का. एक ऐसा अनोखा साइंस फेस्टिवल, जो पहली बार भारत में आया है.

इस फेस्टिवल की शुरुआत पीयूष सेखसरिया नाम के एक इंडिपेंडेंट रिसर्चर के मज़ेदार लेकिन जानकारी भरे खेल से हुई. उन्होंने थार रेगिस्तान की 9 अलग-अलग वनस्पति और जीव-जंतुओं के नाम वाले बिंगो कार्ड्स बांटे. जैसे ही वे किसी एक प्रजाति का नाम लेते, जिनके कार्ड पर वह होता, वे उस पर मोहरा रख देते. जिसने सबसे पहले 'फुल हाउस' किया, उसे इनाम मिला. लेकिन यह सिर्फ एक खेल नहीं था. पीयूष हर प्रजाति का नाम बताते समय उससे जुड़ी स्थानीय कहानियां, मिथक और सच्चाई भी शेयर कर रहे थे. उन्होंने बताया कि कैसे लकड़बग्घों को गांव वाले अक्सर कीट समझते हैं, जबकि वे वास्तव में इको सिस्टम के लिए ज़रूरी होते हैं.

सांप और सीढ़ी से मिला ज़िंदगी का सबक

इसके बाद आया खेल ‘स्नेक-ए-डू’, जो दिखने में तो सामान्य सांप-सीढ़ी जैसा था, लेकिन इसके नियम बेहद खास थे. यहां अगर सांप ने काटा तो लिखा था 'बाबा के पास गए और समय गंवा दिया' या 'आपने सांप को मारने की कोशिश की यह अपराध है.' इस खेल के ज़रिए बताया गया कि भारत में हर साल करीब 60,000 लोग सांप के काटने से जान गंवाते हैं, जो दुनिया की 80% मौतें हैं. खास बात ये है कि इनमें से ज़्यादातर मौतें सिर्फ चार सांपों की प्रजातियों के कारण होती हैं.

वैक्सीन के जरिए सेल्स कैसे लड़ते हैं?

इसके बाद मंच पर आए अशोका विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र के. मोहन रेड्डी, जिन्होंने टीकों और शरीर की इम्यून सिस्टम के बारे में बेहद आसान भाषा में बताया. उनका इंटरैक्टिव सेशन क्विज़ और सवाल-जवाब के ज़रिए था, जिससे दर्शक जुड़ते चले गए. उन्होंने बताया कि टीके असली इंफेक्शन की नक़ल करते हैं, ताकि हमारे सेल्स आने वाले असली वायरस से लड़ने के लिए पहले से तैयार हो सकें.

टी सेल्स और बी सेल्स क्या करते हैं?

मोहन रेड्डी ने समझाया कि हमारे इम्यून सिस्टम में टी और बी दो तरह के सेल्स होते हैं. टी सेल्स का काम इंफेक्शन वाले सेल्स पर हमला करना है. वहीं, बी सेल्स वायरस जैसे बाहरी दुश्मनों को रोकने का काम करती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि फ्लो साइटोमेट्री नाम की तकनीक से ये पता लगाया जाता है कि हमारे शरीर में कौन सी इम्यून सेल्स एक्टिव हैं.

क्या है पिंट ऑफ साइंस फेस्टिवल?

'पिंट ऑफ साइंस' एक इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल है, जो 2013 में यूके से शुरू हुआ था. अब यह दुनिया के 27 देशों के 500 से ज़्यादा शहरों में पहुंच चुका है. इस बार यह भारत के दिल्ली, पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों में 19 मई से 21 मई तक मनाया जा रहा है. इस अनोखे फेस्टिवल का मकसद साइंस को क्लासरूम से बाहर लाकर आम लोगों के बीच लाना है.

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