यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में दिखा पूंछ वाला चमगादड़, दुनिया में सिर्फ तीन जगह पर पाई जाती है प्रजाति
यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में चमगादड़ की इस दुर्लभ प्रजाति के मिलने से सभी हैरान हैं और लोग इसे देखने जा रहे हैं. इस रॉटन फ्री-टेल्ड बैट के बारे में चिरोप्टेरोलॉजिस्ट यानी चमगादड़ों के बारे में पढ़ने वाले विशेषज्ञ ने कहा कि यह न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि उत्तरी भारत के लिए भी पहला रिकॉर्ड है.

Tailed Bat Spotted in Yamuna Biodiversity Park: दुनिया में एक ही पशु-पक्षियों की अलग-अलग तरह की प्रजातियां पाई जाती हैं. जीव-जंतु जलवायु और वातावरण के अनुसार किसी विशेष जगह पर रहते हैं. इसलिए कई बार बदलते मौसम में पक्षी दूसरे स्थान पर रहने के लिए चले जाते हैं. अब दिल्ली के यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क (YBP) में पूंछ वाले चमगादड़ (Rotten Free-tailed Bat) देखने को मिला है. जिसे यहां पहले कभी नहीं देखा गया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में चमगादड़ की इस दुर्लभ प्रजाति के मिलने से सभी हैरान हैं और लोग इसे देखने जा रहे हैं. इस रॉटन फ्री-टेल्ड बैट के बारे में चिरोप्टेरोलॉजिस्ट यानी चमगादड़ों के बारे में पढ़ने वाले विशेषज्ञ ने कहा कि यह न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि उत्तरी भारत के लिए भी पहला रिकॉर्ड है.
पेड़ से चिपका मिला चमगादड़
जानकारी के अनुसार, इस चमगादड़ को 1 दिसंबर को डीडीए के बायोडायवर्सिटी पार्क में देखा गया था. एक कार्यक्रम के प्रभारी वैज्ञानिक फैयाज खुदसर और अधिकारी मोहन सिंह ने पार्क का निरीक्षण कर रहे थे, तभी उनकी नजर इस पूंछ वाले चमगादड़ पर गई. इसे एक पेड़ पर चिपके हुए देखा गया, जहां बाद में इसकी तस्वीर ली गई और इसकी पहचान की गई. खुदसर ने कहा, "हमने जल्दी से इसकी तस्वीर खींची और पहचान के लिए चमगादड़ विशेषज्ञों से संपर्क किया. इसकी पहचान रॉटन फ्री-टेल्ड बैट के रूप में की गई, जो एक ऐसी प्रजाति है जो पहले दिल्ली में नहीं देखी गई थी."
कर्नाटक में पाई जाती है ये प्रजाति
नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन और बैट कंजर्वेशन इंटरनेशनल के चमगादड़ शोधकर्ता रोहित चक्रवर्ती ने कहा कि 'देश में इस प्रजाति के लिए एक निवास स्थान कर्नाटक के पास पश्चिमी घाट है. उन्होंने कहा कि यह न केवल दिल्ली-एनसीआर में बल्कि उत्तरी भारत में भी पहली बार देखा गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में पूर्वोत्तर भारत के मेघालय और कंबोडिया से भी इसके रिकॉर्ड मिले हैं, जिससे यह देश के इस हिस्से में एक दुर्लभ प्रजाति बन गई है. विशेषज्ञों ने बताया कि ऐतिहासिक रूप से राजधानी में चमगादड़ की 14 प्रजातियां दर्ज की गई हैं और यह 15वीं अनोखी प्रजाति है. वहीं ऐसा ही कहा जा रहा है कि दिल्ली में इस प्रजाति का देखा जाना स्थानीय पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा संकेत है.