दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त! कहा- स्थिति बेहद गंभीर, मास्क भी अब काफी नहीं; पराली जलाने को लेकर भी दी चेतावनी
दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताते हुए कहा कि हालात इतने गंभीर हैं कि अब मास्क भी पर्याप्त नहीं हैं. अदालत ने वकीलों से वर्चुअल सुनवाई में हिस्सा लेने की अपील की. दिल्ली में लगातार तीसरे दिन AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज हुआ, जबकि बवाना और चांदनी चौक में स्थिति सबसे खराब रही. पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है.
Supreme Court on Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गहरी चिंता जताई. अदालत ने कहा कि हालात इतने गंभीर हैं कि सिर्फ मास्क पहनना भी लोगों को नहीं बचा सकता, साथ ही वरिष्ठ वकीलों को सलाह दी कि वे अब फिजिकल सुनवाई के बजाय वर्चुअल माध्यम से पेश हों.
न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने कहा, “आप सब यहां क्यों आए हैं? हमारे पास वर्चुअल सुनवाई की सुविधा है, कृपया उसका उपयोग करें. यह प्रदूषण स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है.” उन्होंने यह भी कहा कि अब मुख्य न्यायाधीश से इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी उस समय आई जब दिल्ली गुरुवार सुबह घने स्मॉग की चादर में लिपटी नजर आई. राजधानी में लगातार तीसरे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर श्रेणी (Severe Category)’ में दर्ज किया गया. विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी खतरनाक होता है और जिन लोगों को पहले से सांस या हृदय संबंधी बीमारी है, उनके लिए तो स्थिति और भी जोखिम भरी है.
दिल्ली का दमघोंटू हाल
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गुरुवार सुबह 8 बजे दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया.
- बवाना: 460 (सबसे अधिक)
- चांदनी चौक: 455
- ITO: 438
- रोहिणी: 447
- आनंद विहार: 431
- मुण्डका: 438
- Dwarka Sector 8: 400
- North Campus (DU): 414
- सबसे कम AQI NSIT द्वारका में 216 रहा, जो कि ‘Poor’ श्रेणी में आता है.
राजधानी और NCR के कई हिस्सों में इमारतें और सड़कें धुंध में लिपटी नजर आईं. दृश्यता बेहद कम रही.
पराली जलाने पर फिर अदालत ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा की सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा था कि पराली जलाना दिल्ली-NCR प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बन गया है. अदालत ने दोनों राज्यों को आदेश दिया कि वे एक हफ्ते के भीतर इस पर ठोस कार्रवाई और डेटा रिपोर्ट जमा करें. मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि राज्य सरकारें केवल बयानबाजी नहीं बल्कि ठोस साक्ष्य और कार्रवाई के प्रमाण अदालत में पेश करें.
दिल्ली में इस सीजन पहली बार AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में गिरने के बाद राज्य सरकार के वकील ने मामले को प्राथमिकता से सुनने का अनुरोध किया. इस पर सीजेआई ने कहा कि अदालत 17 नवंबर को इस मामले पर विस्तार से सुनवाई करेगी.





