दिल्ली में TMC ने दागा 'शॉटगन', बिहारी बाबू AAP के लिए कांग्रेस को करेंगे 'खामोश'; क्या टूट जाएगा INDIA?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में टीएमसी ने शत्रुघ्न सिन्हा को AAP के लिए प्रचार करने को कहा है. वे अगले महीने तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. इससे कांग्रेस अकेले पड़ गई है, क्योंकि इंडिया गठबंधन में शामिल दल भी दिल्ली चुनाव में उसके खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इंडिया गठबंधन टूट गया है...

Shatrughan Sinha: दिल्ली के चुनावी दंगल में 'शॉटगन' की एंट्री होने वाली है. वे आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए प्रचार करेंगे. इससे कांग्रेस की जीत और इंडिया गठबंधन के मजबूत होने की उम्मीदें भी 'खामोश' हो सकती हैं. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपने सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को AAP के लिए प्रचार करने को कहा है. इससे कांग्रेस दिल्ली के चुनावी दंगल में अकेले पड़ गई है.
एक समय था, जब बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में थे. उन्हें 2019 में कांग्रेस ने पटना साहिब से लोकसभा चुनाव भी लड़वाया, लेकिन वे बीजेपी के रविशंकर प्रसाद से हार गए. इससे पहले, शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में बीजेपी के टिकट पर पटना साहिब से ही चुनाव लड़कर लगातार दो बार सांसद बने थे.
कभी कांग्रेस को बताया था 'भारत का राजनीतिक भविष्य'
सिन्हा 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. उस दौरान उन्होंने कहा था कि उन्हें लगता है कि कांग्रेस भारत का राजनीतिक भविष्य है, लेकिन 2022 में टीएमसी में शामिल हो गए. वे इस समय पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद हैं. वे लगातार दूसरी बार आसनसोल से सांसद बने हैं.
पूर्वांचल समाज को AAP के पाले में करने की होगी कोशिश
दिल्ली के यमुनापार के इलाकों में शत्रुघ्न सिन्हा AAP के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं. यहां पूर्वांचल समाज के मतदाताओं की संख्या करीब 33 फीसदी है. बीजेपी इन्हें लुभाने के लिए मनोज तिवारी और रविकिशन का इस्तेमाल कर रही है.
1 और 2 फरवरी को प्रचार करेंगे 'शॉटगन'
'शॉटगन' सिन्हा 1 और 2 फरवरी को तीन सीटों पर प्रचार कर सकते हैं. इनमें नई दिल्ली सीट भी शामिल है, जहां से पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. यहां उनका मुकाबला बीजेपी के परवेश सिंह वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है.
इसके अलावा, सिन्हा कालकाजी और जंगपुरा सीट पर भी रैली को संबोधित कर सकते हैं. कालकाजी में सीएम आतिशी का मुकाबला कांग्रेस की अलका लाम्बा और बीजेपी के रमेश बिधूड़ी से है, जबकि जंगपुरा में मनीष सिसोदिया का सामना बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह से है.
क्या टूट गया इंडिया गठबंधन?
शत्रुघ्न सिन्हा का AAP के लिए प्रचार करने से इंडिया गठबंधन टूटने की कगार पर आ गया है. कांग्रेस अब गठबंधन में अकेले पड़ गई है. गठबंधन में शामिल टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी) और नेशनल कांफ्रेंस जैसी पार्टियों ने गठबंधन पर सवाल उठाया है. टीएमसी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने तो दिल्ली चुनाव में AAP को सपोर्ट किया है. ऐसे में कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. पिछले कई महीनों से गठबंधन की कोई बैठक नहीं हुई है.
हालांकि, पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जरूर कहा कि गठबंधन कायम है. यह बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़ा है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के हवाले से यह जानकारी मिल रही है कि वे अपने कुछ नेताओं को AAP के लिए प्रचार करने के लिए दिल्ली भेज सकते हैं.