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AAP की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए अवध ओझा, भाजपा के रविंद्र नेगी से मिली करारी हार

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे जनता के सामने हैं. जनता ने इस बार दिल्ली की बागडोर भाजपा के हाथों सौंप दी है. इसी कड़ी में आम आदमी प्रत्याशी अवध ओझा की इस चुनाव में हार हुई. इस चुनाव में उन्होंने राजनीति की गलियारों में डेब्यू किया था. लेकिन नतीजे उनके पक्ष में नहीं आ सके. AAP ने उन्हें पटपड़गंंज से मैदान में उतारा था.

AAP की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए अवध ओझा, भाजपा के रविंद्र नेगी से मिली करारी हार
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 8 Feb 2025 2:38 PM IST

आम आदमी पार्टी ने इस बार पटपड़गंज विधानसभा सीट से अवध ओझा को मैदान में उतारा था. इससे पहले भी शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने वाले मनीष सिसोदिया को पार्टी इस सीट से उतार चुकी है. वहीं पार्टी को विश्वास था कि ओझा की पहचान उनके काम आ सकती है. क्योंकी शिक्षा के क्षेत्र में उनका भी खूब नाम है. लेकिन नतीजे पार्टी की उममीदों के अनुरूप मिले. जानकारी के अनुसार उन्हें भाजपा प्रत्याशी रवि नेगी से 28072 वोटों करारी हार मिली है.

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इन पार्टियों में रही मुकाबले की टक्कर

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान हुए. पटपड़गंज सीट से भी जनता ने अपने उम्मीदवारों को चुन लिया है. पिछले कुछ सालों से इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच में मुकाबले की टक्कर देखी गई है. इस कारण इस सीट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वहीं शनिवार सुबह 8 बजे से ही काउंटिंग शुरू हुई. आज ही परिणाम घोषित किए जाएंगे और फैसला होगा आखिर दिल्ली की 70 सीटों पर किसकी जीत होगी.

ऐसे रहे 2020 के परिणाण

इस सीट पर पिछले चुनाव की अगर बात की जाए तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मनीष सिसोदियां ने जीत हासिल की. सिसोदिया ने भाजपा पार्टी के रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस के उम्मीदवार लक्ष्मण रावत को हराया है. इस बार UPSC शिक्षा क्षेत्र के प्रमुख चेहरों में से एक अवध ओझा इस सीट से मैदान में थे.

कहां हुई गलती?

अवध ओझा अपने बड़बोले अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं. इस चुनाव में उनके बयानों पर जनता ने गौर किया और मतदान के समय फैसला लिया. चुनावी माहौल के दौरान ओझा ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को भगवान बताते हुए उनकी तुलना श्री कृष्ण से कर डाली थी. यहां तक की शीशमहल पर भी प्रतिक्रिया देते हुए बोले थे कि राजा को महल में रहना ही पड़ता है'.

भाजपा ने उनके इस बयान पर जोर दिया और लगातार निशाना साधा. उन्होंने कहा था कि केजरीवाल कृष्ण है और इस समय उनके पीछे कंस पड़े हैं. यह वो कंस है जो नहीं चाहते कि गरीब का भला हो. वहीं जब भाजपा केजरीवाल के आवास को लेकर निशाना साधती थी इसपर भी पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि 14 वर्ष का बनवास काटकर भगवान श्री राम लौटकर राजमहल में ही आए थे.

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