अनिरुद्धाचार्य सही थे...मां-बाप ने बेटी के पीछे लगाए जासूस, गलत काम करती पकड़ी गई लड़की
एक पॉडकास्ट में एक डिटेक्टिव ने बताया कि कैसे दिल्ली के एक पेरेंट्स ने अपनी बेटी की जासूसी करने के लिए उन्हें पैसे दिए थे. दरअसल उन्हें शक था कि उनकी बेटी का किसी से अफेयर है, लेकिन कहानी कुछ और निकली. लकड़ी एक दिन गलत काम करती पकड़ी गई.
दिल्ली के एक जोड़े ने ऐसा कदम उठाया जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. उन्हें शक था कि उनकी कॉलेज वाली बेटी कहीं छुपके किसी के प्यार के जाल में फंस गई है. बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने सीधे किसी से पूछने की बजाय एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी को हायर कर लिया.
ये राज तब खुला जब जासूस तान्या पुरी ने एक पॉडकास्ट में बताया कि कैसे वो दिल्ली विश्वविद्यालय की इस लड़की पर नजर रख रही थीं. बाद में एक दिन वह लड़की जीटीबी नगर गई, जहां ब्रॉथल और प्रॉस्टिट्यूट थे. इस मामले में सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य सही थे.
कॉलेज गर्ल, जीटीबी नगर और दोहरी ज़िंदगी
जासूसी शुरू हुई. कई दिनों तक कोई असामान्य हरकत नहीं दिखी. क्लास जाना, दोस्तों से मिलना, लाइब्रेरी वगैरह. लेकिन एक दिन लड़की जीटीबी नगर की ओर जाती हुई देखी गई, और फिर वहां पहुंची जहां आमतौर पर वेश्यावृत्ति की गतिविधियाँ होती हैं. तान्या और उनकी टीम को शक हुआ, लेकिन जब गहराई से जांच की गई, तो चौंकाने वाला सच सामने आया. लड़की यह सबकुछ सिर्फ कुछ पैसों के लिए काम कर रही थी ताकि वह महंगे कपड़े खरीद सके और दोस्तों के साथ बाहर जा सके.
क्या ये 'नैतिकता' है या निजता का उल्लंघन
इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस शुरू हो गई. लेकिन बात यहीं नहीं रुकी. कुछ लोगों ने इसे स्वामी अनिरुद्धाचार्य के हाल ही के विवादित बयान से जोड़ दिया. उन्होंने कहा था कि '25 साल से बड़ी अविवाहित लड़कियां नैतिक रास्ते से भटक जाती हैं, और 14 साल की उम्र में उनकी शादी कर देनी चाहिए, ताकि वे जल्दी ससुराल के माहौल में ढल जाएं. एक यूज़र ने तो यहां तक कह दिया 'अनिरुद्धाचार्य जी सही थे.'
बेटी पर नजर रखने के लिए पैसे हैं?”
सोशल मीडिया पर लोगों ने माता-पिता के फैसले की आलोचना की और कई सवाल उठाए. एक यूज़र ने लिखा ' इतने पुराने ख्यालों वाले हैं कि बेटी को प्यार करने की इजाज़त नहीं देते, पैसे नहीं हैं उसकी ज़रूरतें पूरी करने के लिए, लेकिन जासूस रखने के लिए पैसे जरूर हैं.' दूसरे ने कहा ' बेटी पर भरोसा करने की बजाय उस पर नजर रखी जाती है. क्या यही सही तरीका है परवरिश का.'





