Delhi CM: क्या विधायक दल की बैठक में ये Top 5 नेता बैठना चाहेंगे पीछे? इन राज्यों के सियासी गणित से समझें
दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, और इसी बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और नेता आतिशी को भी इस कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा गया है. वहीं, मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित दावेदारों की दौड़ में टॉप 5 नाम चर्चा में बने हुए हैं.

Who is Delhi CM: 20 फरवरी को दिल्ली में भाजपा के नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां रामलीला मैदान में लगभग पूरी हो चुकी हैं. कल दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिलेगा, जिससे भाजपा का 27 साल का इंतजार खत्म हो जाएगा. इस ऐतिहासिक मौके के लिए भव्य जश्न की तैयारी की जा रही है. इसी बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और नेता आतिशी को भी इस कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा गया है. वहीं, मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित दावेदारों की दौड़ में टॉप 5 नाम चर्चा में बने हुए हैं.
कयास लगाया जा रहा है विधायक दल की बैठक में हर विधायक पीछे बैठने के लिए सोच सकता है, क्योंकि साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने कई राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चौंकाने वाला फैसला लिया था. इसके बाद सियासी गलियारों में इस रणनीति की खूब चर्चा हुई थी. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री पद को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा कोई नया सियासी दांव खेल सकती है.
CM की रेस में टॉप- 5
दिल्ली में मुख्यमंत्री चेहरे में रेस की बात करें तो सबसे पहले प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय भी शामिल हैं. दिल्ली सीएम के चेहरे पर बीजेपी दिल्ली के महासचिव विष्णु मित्तल ने कहा कि, 'सब कुछ ठीक चल रहा है और माहौल शानदार है. मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका फैसला आज शाम को हो जाएगा. हमारा शीर्ष नेतृत्व जिसे तय करेगा वही मुख्यमंत्री बनेगा.'
केजरीवाल और आतिशी को भेजा गया निमत्रण पत्र
शपथ ग्रहण में तैयारी तेज
शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलवाएंगे. आयोजन के लिए रामलीला मैदान में तीन बड़े मंच तैयार किए गए हैं और करीब 30 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. दिल्ली में मुख्यमंत्री की रेस में टॉप पांच नाम आगे हैं लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के मुताबिक, कहा जा रहा है कि ये भारतीय जनता पार्टी है. इसमें कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है कोई बड़ा या छोटा चेहरा नहीं मायने रखता है.
Top 5 में No. 1 क्यों प्रवेश वर्मा
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली की राजनीति में नई दिल्ली सीट एक बार फिर चर्चा में है. इस सीट से जीतने वाला उम्मीदवार ही मुख्यमंत्री बनता आया है. अगर 1998 की बात करें, तो कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल कर मुख्यमंत्री बनी थीं. इसके बाद जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, तो अरविंद केजरीवाल ने इसी सीट से जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री पद संभाला. अब, 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की है. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि परंपरा के अनुसार, इस बार भी नई दिल्ली सीट से जीतने वाला ही मुख्यमंत्री बनेगा.