दिल्ली की बसों में 77% महिलाएं असुरक्षित! ये क्या कह रही है ग्रीनपीस की रिपोर्ट?
Greenpeace report: सर्वे में शामिल 25 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक बसों का उपयोग बढ़ा दिया है और अक्टूबर 2020 में योजना के शुरू होने के बाद से अधिक संख्या में महिलाएं नियमित रूप से बसों में यात्रा करने लगी हैं, जो पहले बसों से बचती थीं.

Greenpeace report: जहां देश में महिला सुरक्षा एक अहम चुनौती है, ऐसे में ग्रीनपीस की रिपोर्ट ने तहलका मचा दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 75 प्रतिशत से अधिक महिलाएं अंधेरे के बाद दिल्ली की बसों में यात्रा करते समय असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि दिल्ली सरकार की किराया-मुक्त बस यात्रा योजना ने महिलाओं को जारी किए गए 100 करोड़ 'पिंक' टिकटों का आंकड़ा पार कर लिया है.
गैर-सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट 'राइडिंग द जस्टिस रूट' में कहा है कि सर्वे में शामिल 75 प्रतिशत महिलाओं को 'पिंक टिकट' योजना से महत्वपूर्ण बचत हुई है और कई महिलाओं ने इस धनराशि को घरेलू जरूरतों, आपात स्थितियों और स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च किया है.
खराब रोशनी और बसों की टाइमिंग असुरक्षा का कारण
रिपोर्ट में इसके अलावा कहा गया है कि सर्वेक्षण में शामिल 25 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक बसों का उपयोग करना बढ़ा दिया है और जो महिलाएं पहले बसों से बचती थीं, वे अक्टूबर 2019 में योजना के शुभारंभ के बाद से नियमित रूप से बसों में सफर करने लगी हैं. हालांकि, सुरक्षा संबंधी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं और 77 प्रतिशत महिलाएं खराब रोशनी और बसों के अनियमित टाइमिंग के कारण अंधेरे के बाद बसों में असुरक्षित महसूस करती हैं.
रिपोर्ट ने तो तब हैरान कर दिया, जब इसमें कहा गया है कि कई महिलाओं ने उत्पीड़न की घटनाओं की भी रिपोर्ट की है, खासकर भीड़भाड़ वाली बसों में. 'पिंक टिकट' योजना के तहत, किसी भी महिला को दिल्ली की सार्वजनिक बसों में यात्रा करने के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं, लेकिन अगर महिलाएं चाहें तो उनके पास टिकट खरीदने का विकल्प होता है.
100 करोड़ 'पिंक' टिकटों की बिक्री
ग्रीनपीस इंडिया के आकिज फारूक ने कहा, 'इस योजना ने दिल्ली में महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन का रास्ता खोल दिया है.' उन्होंने कहा, 'लेकिन इसे वास्तव में सफल बनाने के लिए सुरक्षा बढ़ानी होगी और सार्वजनिक परिवहन को सभी के लिए सुलभ बनाने हेतु अच्छी तरह से जुड़ी सेवाएं सुनिश्चित करनी होंगी.'
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 100 करोड़ 'पिंक' टिकटों के मील के पत्थर के साथ, इस योजना ने न केवल महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता का समर्थन किया है, बल्कि निजी वाहनों की तुलना में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी योगदान दिया है.