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दिल्ली की पहली हाई-टेक मल्टीमीडिया लाइब्रेरी; 30 हजार किताबें और 200 से ज्यादा लोगों के बैठने की जगह

दिल्ली में हाई-टेक मल्टीमीडिया लाइब्रेरी बन रही है, जहां पर बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए एक बेहतरीन माहौल मिलेगा. इस लाइब्रेरी में बहुत सी चीजें शामिल होंगी. यह एक दम माडर्न होगी. रिसर्चर्स और पढ़ाई के शौक़ीनों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी. एक न्यूज़पेपर रूम और 500,000 से ज्यादा ई-बुक्स और कैटलॉग वाली एक ई-लाइब्रेरी भी उपलब्ध होगी.

दिल्ली की पहली हाई-टेक मल्टीमीडिया लाइब्रेरी; 30 हजार किताबें और 200 से ज्यादा लोगों के बैठने की जगह
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( Image Source:  freepik )

घर से लेकर बाहर तक जब बात पढ़ाई और शांति की आती है, तो अक्सर हमें एक ऐसी जगह की जरूरत होती है जहां हमें आराम से पढ़ने और सीखने का सही माहौल मिल सके. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए शहर के बीचों-बीच एक माडर्न मल्टीमीडिया लाइब्रेरी को बनाने का फैसला लिया है. यह लाइब्रेरी न केवल पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि यह माडर्न भी होगी, जहां लोग आसानी से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे.

नई लाइब्रेरी दिल्ली के मंदिर मार्ग पर नवयुग स्कूल के पास बन रही है. यह लाइब्रेरी 2,250 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में तीन मंजिलों पर बनेगी. जिसमें हर मंजिल पर 750 वर्ग मीटर का क्षेत्र होगा. यह लाइब्रेरी हाई-स्टैण्डर्ड पर तैयार की जा रही है और इसमें लगभग 30,000 किताबें रखी जाएंगी. साथ ही, इसमें 200 लोगों के बैठने की जगह भी होगी, जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकेंगे. इस लाइब्रेरी में डिजाइन और तकनीकी सुविधाओं को इस तरह से जोड़ा गया है कि यह न केवल पढ़ाई के लिए बल्कि छात्रों और अन्य लोगों के लिए एक मैडर्न सेंटर बन सके.

लाइब्रेरी के चालू होने में थोड़ा और समय

शनिवार को लाइब्रेरी के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बताया कि लाइब्रेरी का काम अब पूरी तरह से पूरा हो चुका है. हालांकि, इसे पूरी तरह से चालू होने में अभी 4 से 5 महीने का समय और लगने की संभावना है. वे इस लाइब्रेरी के महत्व पर जोर देते हुए कहते हैं कि यह दिल्लीवासियों के लिए एक बेहतरीन पढ़ाई और ज्ञान का सेंटर बनेगा.

बच्चों से लेकर रिसर्चर्स तक सभी के लिए कुछ स्पेशल

लाइब्रेरी के विभिन्न स्तरों पर कई सुविधाएं दी गई हैं, जो हर ऐज के लोगों की जरूरत को पूरा करती है-

1- यहां एक ऑडिटोरियम होगा जो कई एक्टिवीटी और सेमिनार के लिए होगा. इसके साथ ही, नवयुग स्कूल के बच्चों के लिए एक ग्रीन रूम भी होगा, जहां वे बहुत सी एक्टिवीटी में हिस्सा ले सकते हैं.

2- पहली मंजिल पर बच्चों के लिए एक एक्टिवीटी एरिया होगा, जिसमें बोर्ड गेम, रंग भरने, पेंटिंग, और क्ले एक्टिविटी जैसी चीजे शामिल होंगी. साथ ही, बैठने के लिए अच्छी खासी जगह भी प्रदान की जाएगी.

3- एक मल्टीमीडिया रूम भी होगा, जहां छोटे सेमिनार, बुक लॉन्च और ऑडियोविज़ुअल परफॉर्मेंस आयोजित की जा सकेंगी. इस कमरे में 50 लोग एक साथ बैठ सकते हैं.

4- दूसरी मंजिल पर पीएचडी स्कॉलर्स के लिए एक स्पेशल रिसर्च कक्ष होगा, जहां वे शांति से अपनी रिसर्च एक्टिविटी कर सकेंगे.

5- लाइब्रेरी की छत पर एक ब्रेकआउट ज़ोन होगा, जहां लोग आराम से समय बिता सकेंगे. इसके अतिरिक्त, एक न्यूज़पेपर रूम और 500,000 से ज्यादा ई-बुक्स और कैटलॉग वाली एक ई-लाइब्रेरी भी उपलब्ध होगी, जिसमें 30 लोग बैठ सकते हैं.

लाइब्रेरी का महत्व

इस लाइब्रेरी के निर्माण के बाद, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शहर में ऐसे और रीडिंग स्पेस बनाने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया है कि शहर के विभिन्न हिस्सों में 50 लाइब्रेरी बनाई जाएं. इस दिशा में प्रगति हो रही है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिक से अधिक लोगों को पढ़ाई के लिए अच्छे और सुविधाजनक स्थान मिल सकें.

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने भी इस लाइब्रेरी के निर्माण के महत्व पर बात की और बताया कि यह लाइब्रेरी न केवल आसपास के इलाके के बच्चों के लिए बल्कि पूरी दिल्ली के छात्रों और युवाओं के लिए एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगी.

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