दिल्ली मेट्रो में भिड़े दो शख्स, पैसेंजर हुए साइडलाइन; यूजर्स बोले- क्लेश जोन घोषित कर दो
दिल्ली मेट्रो को लेकर सोशल मीडिया पर आए दिन किस्से सुनाई दे जाते हैं. ऐसे में एक बार फिर से दो व्यक्ति के बीच लड़ाई का मामला सामने आया है. जिसमें दो व्यक्ति आपस में धक्का-मुक्की को लेकर लड़ाई करते नजर आ रहे हैं. अब इसे लेकर मेट्रो में सफर करने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. कुछ का कहना है कि मट्रो को क्लेश जोन घोषित कर देना चाहिए तो कुछ का कहना है कि बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है.

सुबह घर से ऑफिस जाने के लिए मेट्रो में अगर आप सफर करते हैं, तो कहीं न कही इस बात से आप भी सहमत होंगे की भीड़ के कारण मेट्रो में सीट नहीं मिलती. कई बार तो भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि आपके खड़े रहने की भी स्पेस उसमें नहीं होती. इसके कारण सफर करने वाले लोगों के बीच आए दिन बहस होती रहती है.
आए दिन मेट्रो में होने वाली बहस के किस्से खबरों में सुनाई दे ही जाते हैं. कभी सीट को लेकर तो कभी किसी और वजह को लेकर. इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ है. जिसके कारण मेट्रो सुर्खियों में आ चुकी है.
दरअसल इस बार सीट को लेकर नहीं सफर कर रहे यात्रियों के बीच धक्का मुक्की को लेकर लड़ाई हो जाती है. मामला इतना बढ़ जाता है कि लड़ने वाले व्यक्ति सफर करने वाले पैसेंजर्स की भी बात सुनने को तैयार नहीं होते. जानकारी के अनुसार बात केवल इतनी थी कि दोनों ने जाने-अनजाने में एक दूसरे को धक्का मार दिया. जिसके कारण बहस होती है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है जो इस समय तेजी से वायरल भी हो रहा है.
हाथापाई पर पहुंची बात
यह लड़ाई इतना बढ़ जाती है कि दोनों आपस में बुरी तरह से भिड़ जाते हैं, और हाथापाई भी शुरू हो जाती है. वीडियो में देखा गया कि स्वेटर पहने एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को पीट रहे होते हैं. इतने में दूसरे व्यक्ति ने भी हाथापाई का जवाब का जवाब हाथापाई से दिया दोनों के बीच की लड़ई का 12 सेकंड का ये वीडियो सोशल मीडिया पर आया. जिसपर लोग जमकर अपने रिएक्शन देते नजर आ रहे हैं.
DMRC को लेना चाहिए एक्शन
यूजर्स वीडियो पर अपने- अपने अंदाज में रिएक्ट करते नजर आ रहे हैं. कुछ का कहना है कि आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, तो कुछ ने DMRC पर सवाल खड़े किए और ऐसे मामलों पर जरूरी कदम उठाने की बात कही. कुछ का कहना है कि इतनी तो भीड़ भी नहीं है फिर धक्का मुक्की कैसे हो गई? एक का कहना है कि मेट्रो को क्लेश जोन घोषित कर देना चाहिए. कुछ ने मेट्रो को बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं बताया है.