अवध ओझा और विकास दिव्यकीर्ति के बीच चुनावी जंग! यूजर्स की इस मांग ने मचाया तहलका मांग
सोशल मीडिया पर ओझा और डॉ. विकास दोनों को लेकर खूब चर्चा हो रही है. अवध ओझा आने वाला दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं. अब यूजर्स कह रहे हैं कि वे दिल्ली में ओझा और विकास सर दोनों का चुनावी मुकाबला देखना चाहते हैं. वहीं कई बीजेपी को सलाह दे रहे हैं कि वह विकास सर को अवध ओझा की सीट से मैदान में उतारे.

AAP: दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले पार्टियों में दल-बदल देखने को मिल रहा है. सोमवार (2 दिसंबर) को सरकारी नौकरी की परीक्षा की तैयारी कराने वाले शिक्षक अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए. अब उनके बाद शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति के राजनीति में आने की चर्चा तेज हो गई है.
सोशल मीडिया पर ओझा और डॉ. विकास दोनों को लेकर खूब चर्चा हो रही है. अवध ओझा आने वाला दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं. अब यूजर्स कह रहे हैं कि वे दिल्ली में ओझा और विकास सर दोनों का चुनावी मुकाबला देखना चाहते हैं. वहीं कई बीजेपी को सलाह दे रहे हैं कि वह विकास सर को अवध ओझा की सीट से मैदान में उतारे.
ट्रेंड हुए ओझा-विकास
सोशल मीडिया पर अवध ओझा के राजनीति में प्रवेश करने की खबर सामने आई. इसके बाद ही दोनों टीचर्स सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे. चारों ओर दोनों के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई. बचा दें कि अवध ओझा और विकास दिव्यकीर्ति दोनों ही UPSC जैसी कठिन परीक्षाओं के लिए कोचिंग देते हैं. दोनों अपने पढ़ाने के अंदाज के लिए मशहूर हैं और सोशल मीडिया पर इनकी लाखों में फॉलोइंग है. युवाओं के बीच दोनों ही काफी पॉपुलर हैं.
यूजर्स ने की ये मांग
एक्स प्लेटफॉर्म पर एक यूजर ने लिखा कि 'अगर अवध ओझा और विकास दिव्यकीर्ति राजनीति में आमने-सामने आते हैं तो यह राजनीति में एक दिलचस्प मुकाबला साबित होगा.' दूसरे ने लिखा, 'अवध ओझा सर और विकास सर को दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक सीट से टिकट देनी चाहिए.' तीसरे ने कहा कि 'अवध ओझा के सामने बीजेपी को विकास दिव्यकीर्ति को उतारना चाहिए. जिससे मुकाबला मजेदार हो जाए.'
AAP में शामिल हुए अवध ओझा
मोटिवेशनल स्पीकर और सिविल सर्विस की कोचिंग देने वाले टीचर अवध ओझा 2 दिसंबर को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए. वह आगामी विधानभा चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि अभी कौन सी सीट से लड़ेंगी यह साफ नहीं हुआ है. ओझा ने कहा कि 'पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि उनका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में काम करना है.' उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने मुझे राजनीति में आने और शिक्षा क्षेत्र के लिए काम करने का मौका दिया है.' 'मेरा प्राथमिक ध्यान शिक्षा क्षेत्र के विकास पर रहेगा.'