Begin typing your search...

दिल्ली CM रेखा गुप्ता के बंगले पर 60 लाख का खर्चा, राजनीति गरमाई, क्या वाकई जरूरी था इतना खर्च?

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नए सरकारी बंगले की साज-सज्जा पर 60 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. टेंडर में एसी, झूमर, स्मार्ट टीवी और रिमोट फैन जैसी लग्जरी चीजें शामिल हैं. AAP और कांग्रेस ने खर्च को जनता के साथ विश्वासघात बताया, जबकि BJP ने इसे ज़िम्मेदारी की आवश्यकता कहा. राजनीति गरमा गई है, सवाल जनता के पैसे पर उठने लगे हैं.

दिल्ली CM रेखा गुप्ता के बंगले पर 60 लाख का खर्चा, राजनीति गरमाई, क्या वाकई जरूरी था इतना खर्च?
X
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 3 July 2025 7:20 AM IST

राजधानी दिल्ली की सियासत में एक नया अध्याय उस वक्त शुरू हुआ, जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास के रेनोवेशन के लिए 60 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया. यह बंगला सिविल लाइंस स्थित राज निवास मार्ग पर प्लॉट नंबर 8 पर स्थित है, जो पहले उपराज्यपाल सचिवालय के तौर पर इस्तेमाल होता था. अब इसे Type-7 श्रेणी के बंगले में बदला गया है, जो मुख्यमंत्री के अनुरूप सुविधाओं से लैस किया जा रहा है.

सरकारी आवास बंगला नंबर-1 के लिए शुरू हुए 60 लाख रुपये के रेनोवेशन कार्य ने सियासत को गरमा दिया है. विपक्षी दलों का आरोप है कि जनता महंगाई, बेरोजगारी और पानी-बिजली के संकट से जूझ रही है और मुख्यमंत्री जनता की गाढ़ी कमाई से ऐशोआराम की तैयारी में लगी है. वहीं, सरकार का तर्क है कि ये खर्च “प्रोटोकॉल और कार्यदक्षता” के लिए जरूरी है.

‘मायामहल’ बन रहा है: AAP

AAP ने इस पूरे मसले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली की जनता की समस्याओं से आंखें मूंदकर खुद के लिए ‘मायामहल’ तैयार करवा रही है. उनका आरोप है कि जबकि जनता रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा की मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है, सरकार जनता के पैसे पर वैभव लुटा रही है.

मुख्यमंत्री बनवा रही रंगमहल: कांग्रेस

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा कि दिल्ली के गरीब लोग जहां अपने आशियाने को बुलडोज़र से बचाने के लिए लड़ रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री अपने लिए ‘रंगमहल’ बना रही हैं. उन्होंने कहा कि जब आम नागरिक गली-नालियों की सफाई और स्कूलों में पंखे लगने के लिए संघर्ष कर रहा है, तो सीएम आवास में OTG, वाशिंग मशीन, महंगे टीवी और माइक्रोवेव क्यों लग रहे हैं?

BJP ने बचाव में क्या कहा?

बीजेपी की ओर से मनजिंदर सिंह सिरसा ने सफाई दी कि यह खर्च कोई विलासिता नहीं, बल्कि एक संवैधानिक पद के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक मुख्यमंत्री को 24x7 कार्यशील रहना होता है, जिसके लिए आधुनिक उपकरण जरूरी होते हैं. सिरसा ने AAP पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने शासनकाल के महंगे खर्चों को पहले देखना चाहिए.

टेंडर में क्या-क्या?

टेंडर दस्तावेज़ के मुताबिक, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास (बंगला नंबर-1) में कुल 60 लाख रुपये की लागत से हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक और इंटीरियर उपकरण लगाए जाने हैं. इसमें 24 एयर कंडीशनर (लगभग ₹11 लाख), 5 स्मार्ट टीवी (₹9.3 लाख), 14 सीसीटीवी कैमरे (₹5.74 लाख), 23 रिमोट कंट्रोल सीलिंग फैन (₹1.8 लाख), एक ₹2 लाख का UPS सिस्टम, ₹85,000 का OTG, ₹77,000 की वॉशिंग मशीन, ₹60,000 का डिशवॉशर, ₹63,000 का गैस चूल्हा और ₹32,000 का माइक्रोवेव शामिल हैं. इसके अलावा, ₹91,000 की लागत से 6 गीजर भी लगाए जाएंगे.

बंगले की आंतरिक साज-सज्जा में कुल ₹6.03 लाख रुपये की लाइटिंग व्यवस्था प्रस्तावित है, जिसमें 115 यूनिट्स – जिनमें बड़े झूमर, वॉल लाइटर, हैंगिंग लाइट्स, निकेल फिनिश फ्लश सीलिंग लाइट्स और पीतल की सीलिंग लैंटर्न शामिल हैं. साथ ही पूरे बंगले की इलेक्ट्रिकल रीवायरिंग भी की जाएगी, जिसमें 80 से ज्यादा लाइट और फैन पॉइंट्स को अपग्रेड किया जाएगा. ये सभी कार्य टेंडर खुलने के बाद 60 दिनों के भीतर पूरे करने का लक्ष्य है.

दो बंगले क्यों हुए अलॉट?

रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनने के बाद दो बंगले दिए गए- बंगला नंबर 1 और नंबर 2. बंगला नंबर 1 में वे खुद रहेंगी, जबकि बंगला नंबर 2 को मुख्यमंत्री का कैंप ऑफिस बनाया जाएगा. टेंडर फिलहाल सिर्फ बंगला नंबर 1 के लिए जारी किया गया है, पर सियासी हलकों में चर्चा है कि आने वाले समय में कैंप ऑफिस में भी इसी तरह के रेनोवेशन हो सकते हैं.

किस कैटेगरी का है यह बंगला?

रेखा गुप्ता को टाइप-7 कैटेगरी का बंगला मिला है, जो राजधानी के सिविल लाइंस इलाके में स्थित है. यह वही बंगला है जिसे पहले उपराज्यपाल के सचिवालय के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इस्तेमाल किए गए फ्लैग स्टाफ हाउस में बीजेपी सरकार ने रहने से इनकार कर दिया था. रेखा गुप्ता अभी तक शालीमार बाग स्थित अपने पुराने आवास में रह रही हैं.

जनता के मन में सवाल: सुविधा या दिखावा?

भले ही भाजपा इसे ज़रूरी खर्च बता रही हो, लेकिन आम नागरिक के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेता को इतनी भव्य सुविधाओं की जरूरत है? क्या मुख्यमंत्री का काम एसी और टीवी की चमक में बेहतर होता है, या जनता की समस्याओं के बीच रहकर? यह बहस अब सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक फैल चुकी है. दिल्ली में इस समय कई इलाकों में बिजली कटौती और पानी की कमी की शिकायतें हैं. लेकिन उसी शहर में मुख्यमंत्री आवास में 11 लाख रुपये के एयर कंडीशनर और 6 लाख रुपये की लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है. इस खर्च ने आम आदमी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह जनता के टैक्स का न्यायिक उपयोग है?

आगे क्या? जनता का फैसला बाकी है

रेखा गुप्ता अभी शालीमार बाग स्थित अपने आवास में रह रही हैं, लेकिन जल्द ही उनका यह नया “हाई-प्रोफाइल” बंगला तैयार हो जाएगा. सवाल यह है कि क्या यह रेनोवेशन दिल्ली की जनता को बेहतर प्रशासन देगा, या केवल राजनीतिक लक्ज़री का प्रतीक बनकर रह जाएगा? फिलहाल, जनता सब देख रही है और चुनावी मौसम में यह मुद्दा बड़ा मोड़ ले सकता है.

DELHI NEWS
अगला लेख