शराब नीति को इधर उधर करने पर लगा 2000 करोड़ का फटका, दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आबकारी नीति 2024 पर कैग रिपोर्ट विधानसभा में पेश की. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आप सरकार पर रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 2017-18 के बाद से कैग रिपोर्ट पेश नहीं हुई थी और इसे एलजी को भी नहीं भेजा गया. विपक्ष ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी.

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आबकारी नीति 2024 पर कैग रिपोर्ट आज दिल्ली विधानसभा में पेश की. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि 2017-18 के बाद से कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई थी. उन्होंने बताया कि इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने और विपक्ष के पांच अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति और विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया था कि रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाए.
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने कैग की रिपोर्ट को दबाने का प्रयास किया और इसे उपराज्यपाल (एलजी) के पास भी नहीं भेजा गया. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना आवश्यक था, लेकिन सरकार ने इसे रोकने की कोशिश की.
इन पॉइंट्स से जानें CAG की रिपोर्ट में क्या है?
- नई शराब नीति से 2000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ
- रिटेंडर प्रक्रिया के कारण सरकार को 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ
- जोनल लाइसेंस जारी करने में छूट देने के कारण 940 करोड़ रुपये का घाटा हुआ
- कुछ शराब रिटेलर्स ने पॉलिसी खत्म होने तक लाइसेंस जारी रखा, जिससे भी नुकसान हुआ
- कोरोना के दौरान लाइसेंसधारियों को अनियमित अनुदान छूट दी गई, जिससे 144 करोड़ रुपये का घाटा हुआ
- 'नॉन-कंफर्मिंग म्यूनिसिपल वार्ड्स' में शराब की दुकानें खोलने के लिए समय पर नहीं ली गई अनुमति
- नीति में शराब की क्वालिटी जांच के लिए लैब बनाना, बैच को चेक करना, निगरानी और रेगुलेशन को बढ़ाना भी लागू नहीं किया गया
एलजी ने कार्य योजना बनाने के दिए निर्देश
एलजी सक्सेना ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी विभागों के प्रमुखों को 100 दिनों की कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया था कि सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा ताकि सरकार की नीतियों में पारदर्शिता बनी रहे और प्रशासनिक विफलताओं पर कार्रवाई की जा सके.
बीजेपी नेता लगा चुके हैं आरोप
इससे पहले, भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय और हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में परिवहन, स्वास्थ्य और जल बोर्ड जैसे कई घोटाले हुए हैं. भाजपा नेताओं ने मांग की कि अरविंद केजरीवाल, आतिशी, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती समेत अन्य नेताओं के खिलाफ जांच हो और उन्हें जेल भेजा जाए.