एक तरफ BJP तो दूसरी ओर कांग्रेस! दिल्ली में 'आप' की नैया कैसे पार लगाएंगे अरविंद केजरीवाल?
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की सड़कें भाजपा के पोस्टरों से भरी हुई है. वहीं आप इस बार पोस्टर से बचती दिख रही, लेकिन हर मोर्चे पर खुद को डिफेंड करने में सफल हो रही है. हालांकि, अब तक विपक्ष की ओर से कोई मजबूत दावें सामने नहीं आए हैं.

Delhi Assembly Election 2025: अगले साल 2025 में होने वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव अब और दिलचस्प होता जा रहा है. 'आप' को दोनों छोड़ से लड़ना पड़ रहा है, जहां एक ओर बीजेपी है, तो दूसरी ओर कांग्रेस. लड़ाई में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही केजरीवाल और उनकी पार्टी पर आक्रामक दिख रही है.
जहां कांग्रेस 2013 से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, तो बीजेपी 1998 से विपक्ष की बेंच पर बैठी है. दोनों पार्टियों के पास सत्ता पर एक बार फिर से काबिज होने का विजन है, तो आप अपने काम के दम पर सत्ता पर बने रहने की लड़ाई लड़ रही है.
'आप' का पलड़ा दिख रहा भारी
भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़े अरविंद केजरीवाल ने शुरुआती चुनावी कदमों से कांग्रेस और भाजपा दोनों को बैकफुट पर डाल दिया है. अपने चुनावी वादों और विपक्ष के आरोपों के बीच वह हर तरफ से खुद को डिफेंड करने में सफल हो रहे है, जिसमें उनका पलड़ा भारी दिख रहा है.
दिल्ली की सड़कें बीजेपी के पोस्टरों से भरी पड़ी हैं, जिनमें स्वच्छ पेयजल और आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू न करने के मुद्दे पर 'आप' सरकार को घेरा गया है. हालांकि, चुनाव की तारीखों की घोषणा से कुछ सप्ताह पहले ही आप ने चुनावी जंग में भाजपा या कांग्रेस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
विपक्ष की हर चाल का पहले से है जवाब
भाजपा के आयुष्मान भारत अभियान का मुकाबला करने के लिए केजरीवाल ने संजीवनी योजना की घोषणा की, जिसके तहत 60 साल या उससे अधिक आयु के सभी दिल्ली निवासियों को राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिया जाएगा.
आप को पता था कि भाजपा या कांग्रेस दिल्ली में भी लाडली बहन योजना जैसी ही कोई योजना घोषित कर सकती है. इस बीच 'आप' ने विपक्ष से पहले ही महिला सम्मान योजना की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है, तो महिलाओं को 2,100 रुपये मिलेंगे. हालांकि, इस पर विवाद बना हुआ है.
पहले से ही फ्री है सब तो क्यों दूसरी सरकार!
दिल्ली में मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करने से हमेशा बचने वाली बीजेपी ने पहले ही कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर भी मुफ्त बिजली और पानी की योजनाएं जारी रहेंगी. कांग्रेस ने भी इसी तरह के वादे किए हैं.
कांग्रेस ने कर्नाटक में अपनी पांच गारंटियों को पूरा करके सत्ता हासिल की, जिसमें मुफ्त बस यात्रा और मुफ्त बिजली शामिल थी. जबकि आप सरकार ये लाभ दिल्ली के मतदाताओं को पहले से ही दे रही है. अब, भाजपा और कांग्रेस दोनों के सामने AAP को सत्ता से बेदखल करने के लिए ठोस रणनीति खोजने की चुनौती है. विपक्ष के लिए सिर्फ बयानबाजी से मतदाताओं को प्रभावित करने या चुनाव परिणामों को बदलने की संभावना नहीं है.