बाबू इनको मार दोगे क्या...दूंगी 50,000! तीन बच्चो की मां को हुआ देवर से प्यार, सुपारी देकर कराई पति की हत्या
दिल्ली के अलीपुर से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है जिसने रिश्तों को तार-तार कर दिया है. एक शादीशुदा महिला जिसके तीन बच्चे है उसे अपने ही देवर से प्यार हो गया. जिसके बाद उसने देवर को पचास हजार की सुपारी देकर हत्या करवा दी.
दिल्ली के अलीपुर इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने पति की बेरहमी से हत्या करवा दी और इस खौफनाक साजिश में उसका साथ दिया उसके प्रेमी और देवर ने. वजह? महिला अपने प्रेमी से शादी करना चाहती थी और इस रिश्ते में उसका पति बाधा बन गया था. जिस महिला की बात हो रही है, उसका नाम सोनिया है. सोनिया की उम्र उस वक्त सिर्फ 15 साल थी, जब उसे प्रीतम नाम के युवक से प्यार हो गया. दोनों ने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी कर ली थी. शादी के 17 साल बाद दोनों के तीन बच्चे थे. एक 16 साल का बेटा और दो बेटियां. शुरू में सब कुछ ठीक चला, लेकिन वक्त के साथ रिश्ता बदलता गया.
शादी के कई साल बाद सोनिया की जिंदगी में एक और शख्स आया रोहित. उम्र में छोटा, लेकिन अपराध की दुनिया का शातिर। 28 साल का रोहित टैक्सी चलाता था, और उसका क्रिमनल रिकॉर्ड भी था. बावजूद इसके, सोनिया और रोहित का रिश्ता गहराता गया. दोनों ने एक-दूसरे के साथ जिंदगी बिताने के सपने बुन लिए और इन सपनों की राह में सबसे बड़ी रुकावट बना सोनिया का पति प्रीतम.
पचास हजार में तय हुई सुपारी
अब प्रेम कहानी ने लिया एक खतरनाक मोड़. रोहित और सोनिया ने मिलकर प्रीतम को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया. इसके लिए सोनिया ने अपने ही देवर विजय को हत्या की सुपारी दी सिर्फ 50,000 रुपये में. विजय ने यह काम कर दिखाया, हत्या के बाद उसने सोनिया को प्रीतम की लाश की तस्वीरें और वीडियो इंस्टाग्राम पर भेजे और वादा किए गए पैसे मांगे. सोनिया ने प्रीतम का ऑटो बेचकर उसे बाकी रकम चुकाई.
देवर-भाभी ने ऐसे रचा ड्रामा
20 जुलाई को प्रीतम की हत्या कर दी गई. लेकिन उसके बाद जो हुआ, वो किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं था. सोनिया ने अलीपुर थाने जाकर खुद अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. उसने बताया कि उसका पति कहीं गया था और अब वापस नहीं आया। पुलिस ने इसे सामान्य लापता मामला समझकर जांच शुरू की. पुलिस जांच के दौरान एक मोबाइल नंबर ट्रेस हुआ जो अब हरियाणा के सोनीपत में एक्टिव था. इसी फोन की लोकेशन ने जांच को रोहित तक पहुंचा दिया. पहले तो रोहित ने पुलिस को गुमराह किया, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने जुर्म कबूल कर लिया.
चेहरा हुआ बेनाकाब
असल में, हत्या के बाद सोनिया ने प्रीतम का मोबाइल सबूत मिटाने के लिए रोहित को दे दिया था. लेकिन फोन महंगा था, और रोहित की नियत डोल गई. उसने पुरानी सिम निकालकर अपनी सिम डाल दी और मोबाइल इस्तेमाल करने लगा. यही गलती उसके गले की फांसी बन गई. मोबाइल की ट्रैकिंग से पूरी सच्चाई सामने आ गई. फिलहाल, सोनिया और रोहित पुलिस की गिरफ्त में हैं. देवर विजय अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है. पुलिस इस मामले को बहुत ही गंभीरता से देख रही है क्योंकि यह सिर्फ एक हत्या नहीं, विश्वास, रिश्तों और इंसानियत के कत्ल की कहानी है.





