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दिल्ली चुनाव अकेले क्यों लड़ना चाहती है 'AAP'? केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से किया इनकार

Delhi Assembly Election 2025: अरविंद केजरीवाल ने पोस्ट किया, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.'

दिल्ली चुनाव अकेले क्यों लड़ना चाहती है AAP? केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से किया इनकार
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Delhi Assembly Election 2025
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 11 Dec 2024 10:55 AM IST

Delhi Assembly Election 2025: 'आप' सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट कर ये स्पष्ट कर दिया है कि आम आदमी पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और कांग्रेस के साथ किसी गठबंधन की कोई संभावना नहीं है. इस बीच सवाल ये उठ रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में एक साथ लड़ने वाली ये 'आप' विधानसभा चुनाव में अपना रास्ता अकेले क्यों चुन रही है.

अरविंद केजरीवाल ने लिखा, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.' ऐसी खबरें हैं कि दिल्ली चुनाव से पहले उनकी पार्टी विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के अन्य सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत कर रही है.

'आप' ने पहले ही कर दिया था साफ

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब 'आप' ने दिल्ली में गठबंधन की संभावना को खारिज किया है. इस महीने की शुरुआत में अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया था कि पार्टी का दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने का कोई इरादा नहीं है, क्योंकि उसका लक्ष्य लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल करना है.

कांग्रेस का साथ छोड़ 'आप' अकेले क्यो लड़ना चाहती चुनाव

दिल्ली की सभी 70 सीटो पर 'आप' अकेले चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी ने ये साफ कर दिया है कि AAP अकेले ही बीजेपी और कांग्रेस ने निपटने में सक्षम है. दिल्ली में 'आप' के मजबूत होने से कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है, जिससे पार्टी कांग्रेस का साथ नहीं चाहती है और ये लोकसभा चुनाव में 'आप' ने देख लिया है. दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 45 फीसद से अधिक वोट लाना जरूरी है और पार्टी का दावा है कि उन्हें अकेले ही उतना समर्थन प्राप्त है.

दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला होगा दिलचस्प

इस फैसले से दिल्ली विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जिसमें आप, कांग्रेस और भाजपा सत्ता के लिए होड़ में हैं. पिछले दो विधानसभा चुनावों में आप ने 2015 में 67 और 2020 में 62 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में तीन और आठ सीटें हासिल की थीं. कांग्रेस दोनों चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई.

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