हेल्थ मॉडल से लेकर शराब घोटाले तक, CAG रिपोर्ट में AAP का पर्दाफाश! BJP ने कहा- सरकारी खजाने में हुई करोड़ों की लूट
CAG रिपोर्ट के सदन में पेश होते ही AAP और BJP के बीच तीखी बहस छिड़ गई. AAP पूर्व कांग्रेस सरकार की शराब नीति को राजस्व हानि के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, जबकि BJP ने आप सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर घेर लिया.

दिल्ली में 12 साल बाद AAP सरकार की विदाई और 27 साल बाद BJP की सत्ता में वापसी के बाद, 25 फरवरी 2025 को विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश की गई. यह रिपोर्ट पिछली सरकार की विवादित शराब नीति से जुड़ी है, जिसके कारण दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को महीनों तक जेल में रहना पड़ा था. CAG रिपोर्ट के सदन में पेश होते ही AAP और BJP के बीच तीखी बहस छिड़ गई. AAP पूर्व कांग्रेस सरकार की शराब नीति को राजस्व हानि के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, जबकि BJP ने आप सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर घेर लिया. इतना ही नहीं भाजपा CAG रिपोर्ट पेश होने के बाज आप के खिलाफ पोस्टर जारी किया है जिसमें भष्ट्राचार को लेकर तीखा वार किया गया है.
समझें CAG रिपोर्ट का लेखा जोखा
CAG ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली के एक्साइज विभाग के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए और करीब 2,027 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे की बात कही. दिल्ली में शराब नीति का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक विवाद का विषय रहा है. BJP ने आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके चलते इस मामले की ED और CBI ने जांच की. जांच के दौरान AAP के कई नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया, जबकि पिछली सरकार ने लगातार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया.
CAG रिपोर्ट ने AAP के 'स्वास्थ्य मॉडल' पर सवाल उठे
CAG की रिपोर्ट में दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन की खामियों को उजागर किया गया है. CNN रिपोर्ट के मुताबिक, AAP सरकार के 'स्वास्थ्य मॉडल' में गंभीर कमियां थीं, खासकर मोहल्ला क्लीनिकों, आयुष औषधालयों और कोविड-19 प्रबंधन में. मोहल्ला क्लीनिकों में पाई गईं ये कमियां, जिसमें 21 क्लीनिकों में शौचालय नहीं थे. 15 में बिजली बैकअप नहीं था. 6 में जांच टेबल नहीं थी. 12 में विकलांगों के लिए सुविधा नहीं थी.
आयुष औषधालयों में भी गंभीर समस्याएं:- 49 निरीक्षण किए गए औषधालयों में से 17 में बिजली बैकअप नहीं था. 7 में शौचालय नहीं थे. 14 में पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं थी. केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 787.91 करोड़ रुपये में से केवल 582.84 करोड़ रुपये खर्च किए गए.दवाओं, PPE और मास्क की आपूर्ति के लिए जारी 119.85 करोड़ रुपये में से 83.14 करोड़ रुपये अप्रयुक्त रह गए.
CAG रिपोर्ट पेश होने के बाद आप ने की तुरंत PC
CAG रिपोर्ट पेस होने के तुरंत बाद आप की विपक्ष नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, 'CAG रिपोर्ट ने पुरानी आबकारी नीति में कालाबाजारी और जमाखोरी की पुष्टि की है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुरानी नीति से बिचौलियों को 28% अवैध धन का लाभ मिला, जिससे दिल्ली सरकार को घाटा हुआ. AAP का दावा है कि नई आबकारी नीति को अगर प्रभावी तरीके से लागू किया जाता तो सकारात्मक नतीजे मिल सकते थे.
आतिशी ने सवाल उठाया, "राजस्व किसने रोका? जांच होनी चाहिए, और इसमें LG, CBI और ED को भी शामिल किया जाना चाहिए.' CAG रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पुरानी नीति पर विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज किया था. यह रिपोर्ट रेखा गुप्ता सरकार द्वारा पिछली AAP सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा के तहत पेश की गई 14 रिपोर्टों में से एक है.
CAG की ऑडिट रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में गंभीर खामियों और भ्रष्टाचार को उजागर किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, लाइसेंसिंग प्रक्रिया में कार्टेलाइजेशन (एक ही इकाई द्वारा कई दुकानों पर नियंत्रण) के कारण सरकारी खजाने को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.
एक इकाई को प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम 27 शराब की दुकानें संचालित करने की अनुमति दी गई, जिससे बाजार में एकाधिकार बढ़ा. 941.53 करोड़ रुपये का नुकसान गैर-अनुरूप नगरपालिका वार्डों में शराब की दुकानें खोलने में देरी के कारण हुआ. 890.15 करोड़ रुपये का घाटा लाइसेंसिंग और सरेंडर किए गए क्षेत्रों को फिर से टेंडर करने में विफलता के कारण हुआ. कोविड लॉकडाउन के दौरान लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
नीति निर्माण में अनियमितता
विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज किया., कैबिनेट की मंजूरी के बिना बड़े वित्तीय निर्णय लिए गए, जो नियमों का उल्लंघन था. गैर-अनुरूप क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलकर दिल्ली मास्टर प्लान-2021 का उल्लंघन किया गया.