कौन थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर? घूसखोरी का पर्दाफाश करते-करते हुआ मर्डर, पानी की टंकी में मिला शव
बीजापुर में टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी के हत्या कर दी गई. मुकेश चंद्राकर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की कवरेज कर रहे थे. अधिकारियों पर घूस देकर बड़े प्रोजेक्ट हासिल करने का आरोप था. इस सच की जड़ तक जाने के लिए ही मुकेश रिपोर्टिंग कर रहे थे, लेकिन उनकी हत्या कर दी गई.

journalist Mukesh Chandrakar Murder Case: मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. एक पत्रकार का काम जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाना है. लेकिन छत्तीसगढ़ में प्रेस की आवाज को दबा दिया गया. बीजापुर में टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी के हत्या कर दी गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश चंद्राकर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की कवरेज कर रहे थे. अधिकारियों पर घूस देकर बड़े प्रोजेक्ट हासिल करने का आरोप था. इस सच की जड़ तक जाने के लिए ही मुकेश रिपोर्टिंग कर रहे थे, लेकिन उनकी हत्या कर दी गई.
टंकी से मिला मुकेश का शव
पुलिस को मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ है. पत्रकार 1 जनवरी से लापता थे. परिजनों ने उनके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. तलाशी अभियान के दौरान ही पुलिस ने सुरेंद्र के घरक पर छापा मारा, वहां पानी की टंकी से एक शव मिला. शव की पहचान करना काफी मुश्किल हो गया था, लेकिन कपड़ों से पता चला कि वह लाश पत्रकार मुकेश चंद्राकर की है.
सुरेंद्र के भाई रितेश ने मुकेश को 1 जनवरी के दिन अपनी प्रॉपर्टी पर बुलाया था. तभी से मुकेश का फोन बंद था. 2 जनवरी को फिर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. फिर अगले दिन यानी शुक्रवार को पत्रकार का शव मिला. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
पत्रकार की मौत से भड़का विपक्ष
पत्रकार की मौत से राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि छत्तीसगढ़ में जंगलराज शुरू हो गया है. पार्टी ने एक्स पोस्ट में लिखा, पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने भ्रष्टाचार का खुलासा किया था. इसके बाद से ही सड़क बनवाने वाले नाराज थे. इसलिए मुकेश को बुलाया और मारकर टंकी में चुनवा दिया. बीजेपी के जंगलराज में कोई सुरक्षित नहीं है. इस मामले पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
बीजेपी का बयान
बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांट्रेक्टर है या कांग्रेसी कांट्रैक्टर किलर. जरा अपने गिरेबां पर झांककर देखो, क्या जल्दबाजी में तुमने अपना ही कच्चा चिट्ठा खोल दिया है. सुरेंद्र चंद्राकर की कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष दीपक बैज से दोस्ती है. दीपक ने ही सुरेश को कांग्रेस पार्टी के एससी मोर्चा के प्रदेश सचिव का पद दिया था. मिलकर अपराध कर रहे हैं.
कौन थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर?
मुकेश चंद्राकर के पास एक दशक से ज्यादा का पत्रकार का अनुभव था. मुकेश ने एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार चैनल के लिए स्ट्रिंगर के रूप में काम किया और एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल बस्तर जंक्शन चलाया, जिसके 159,000 से अधिक सब्सक्राइबर थे. उनके चैनल पर राज्य और माओवादियों के बीच संघर्ष के विभिन्न पहलुओं पर वीडियो दिखाए जाते थे, साथ ही जनजातीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी प्रकाश डाला जाता था.