हॉक फोर्स का शेर हुआ शहीद, कौन थे आशीष शर्मा जिन्होंने हिडमा गैंग को चटाई धूल? सीएम मोहन यादव ने जताया दुख
घने जंगल, घात लगाए बैठे नक्सली और हर कदम पर मौत का साया. इन्हीं हालातों में हॉक फोर्स का एक ऐसा योद्धा तैनात था, जिसे पूरे इलाके में बहादुरी का पर्याय माना जाता था. इंस्पेक्टर आशीष शर्मा वही शेर थे, जिन्होंने कई अभियानों में कुख्यात हिडमा गैंग को पछाड़कर नक्सली नेटवर्क की कमर तोड़ी थी. बुधवार अलसुबह हुई मुठभेड़ में वे वीरगति को प्राप्त हो गए, लेकिन उनका साहस और फर्ज़ के लिए समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन गया.
मध्य भारत के घने जंगलों में हर दिन सुरक्षा बल नक्सलियों के लिए जान हथेली पर रखकर निकलते हैं. लेकिन कुछ वीर ऐसे होते हैं जिनका साहस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन जाता है. हॉक फोर्स के बहादुर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा भी उन्हीं में से एक थे. बुधवार अलसुबह हुई एक भीषण मुठभेड़ ने उनके अदम्य साहस की कहानी को अमर कर दिया. राजनांदगांव के बोरतालाब थाना क्षेत्र के कौहापानी जंगल में सुबह का सन्नाटा कुछ ही पलों में गोलियों की तड़तड़ाहट में बदल गया. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने नक्सलियों के ठिकानों की घेराबंदी शुरू की ही थी कि दो राज्यों की सीमा पर बसे इन पहाड़ी जंगलों में अचानक घात लगाकर हमला कर दिया गया.
हॉक फोर्स की टुकड़ी झटके में संभली और जवाबी कार्रवाई शुरू हुई. घंटों तक चला यह संग्राम घने जंगलों, पहाड़ियों और धुंध में ढका ऐसा मोर्चा था जिसे केवल वही समझ सकता है जो रोज़ मौत को करीब से देखता है. इसी मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की दुश्मनों को धूल चटाने के बाद मौत हो गई.
तीन गोली खाकर हुए शहीद
इस मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जहां आशीष के सीने, पेट और पैर में गोलियां लगी और वह घायल हो गए. उन्हें तुरंत डोंगरगढ़ अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा न सके. उस सुबह देश ने अपना एक सच्चा हीरो खो दिया.
कौन थे आशीष शर्मा?
आशीष मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बोहानी गांव के रहने वाले थे. आशीष शर्मा केवल नाम से नहीं, काम से भी ‘हॉक फोर्स’ के शेर माने जाते थे. फरवरी 2025 में बालाघाट के रौंदा जंगलों में हुई मुठभेड़ में उन्होंने तीन कुख्यात महिला नक्सलियों को ढेर करने वाले ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई थी. उनके असाधारण साहस के कारण उन्हें मध्य प्रदेश सरकार की ओर से आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला और दो बार वीरता पदक से नवाज़ा गया. 2016 में सब-इंस्पेक्टर के रूप में सेवा शुरू करने वाला यह युवा अफसर बहुत जल्दी हॉक फोर्स की रीढ़ बन गया था.
सीएम मोहन यादव ने जताया खेद
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा ' इंस्पेक्टर आशीष शर्मा ने नक्सल विरोधी अभियान में अद्वितीय साहस दिखाया. उनका सर्वोच्च बलिदान हमेशा याद किया जाएगा.' आशीष शर्मा आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका साहस, निष्ठा और फर्ज़ के लिए जीने-मरने की भावना आने वाले हर जवान को प्रेरित करेगी. वह सिर्फ एक अफसर नहीं, देश के असली हीरो थे.





