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क्‍या था छत्तीसगढ़ का वो घोटाला जिसके चलते पूर्व CM बघेल के ठिकानों पर हुई छापेमारी; किसने की पत्थरबाजी, कितना निकला पैसा?

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज सुबह छापेमारी की. इस बीच खबर है कि छापेमारी कर वापस लौट रही ईडी की टीम पर हमला हुआ है तो आइए इस खबर में जानते है कि क्‍या था छत्तीसगढ़ का वो घोटाला जिसके चलते पूर्व CM बघेल के ठिकानों पर हुई छापेमारी...

क्‍या था छत्तीसगढ़ का वो घोटाला जिसके चलते पूर्व CM बघेल के ठिकानों पर हुई छापेमारी; किसने की पत्थरबाजी, कितना निकला पैसा?
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 10 March 2025 10:38 PM

छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच एक बड़े शराब घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें राज्य के खजाने को लगभग 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस घोटाले में सरकारी शराब दुकानों के माध्यम से बिना हिसाब-किताब वाली देशी शराब बेची गई, जिससे उत्पन्न अवैध धनराशि कथित रूप से अधिकारियों, व्यापारियों और राजनीतिक रसूख वाले व्यक्तियों के गठजोड़ के माध्यम से एकत्रित की गई.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अनुसार, इस घोटाले में अनवर ढेबर, जो रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई हैं, को मुख्य साजिशकर्ता माना गया है। उनके साथ छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला अंजाम दिया गया. ईडी ने अब तक इस मामले में विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है.

हाल ही में, ईडी ने दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के आवास शामिल थे. यह कार्रवाई इस संदेह के आधार पर की गई कि चैतन्य बघेल इस घोटाले से उत्पन्न अवैध धन के प्राप्तकर्ता हो सकते हैं. छापेमारी के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे ईडी अधिकारियों के साथ झड़पें भी हुईं.

ईडी सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने पर विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि ईडी की टीम पर ईंट-पत्थरों से हमला किया गया. हालांकि, खबर लिखे जाने तक किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई थी. वहीं, ईडी अधिकारी की कार पर पत्थर फेंकने वाले व्यक्ति को सुरक्षाबलों ने मौके पर ही पकड़ लिया. एक वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी उस शख्स को हिरासत में लेकर अपने साथ ले जा रहे हैं.

भूपेश बघेल ने इन छापेमारियों को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को परेशान करने की साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी के पास कोई प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) नहीं है और यह कार्रवाई बिना उचित दस्तावेज़ों के की गई है.

इस घोटाले के कारण राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ गया है, जिसमें भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. भाजपा ने इस मुद्दे पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं, जबकि कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को केंद्र सरकार की साजिश बताया है. ईडी की जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है.

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