60 किमी दूर फेंका फोन, बैंक से निकाले पैसे, चचेरे भाई ने ऐसे बनाया मुकेश चंद्राकर के मर्डर का प्लान
बीजापुर में हाल ही में टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई. जांच में खुलासा हुआ कि पत्रकार की हत्या की साजिश चार दिन पहले ही कर ली थी. यानी मुकेश को कब कैसे और कहां मारना है, यह पहले से तय था. 27 दिसंबर को सुरेश ने बैंक से बड़ी राशि निकाली थी. जिसके इन रुपयों का प्रयोग हत्या, सबूत छिपाने और भागने के लिए किया जा सके.

journalist Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हाल ही में टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई. पत्रकार की लाश उसके चचेरे भाई और मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर के घर की छत से पानी की टंकी से मिली थी. एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है. जांच में खुलासा हुआ कि पत्रकार की हत्या की साजिश चार दिन पहले ही कर ली थी. यानी मुकेश को कब कैसे और कहां मारना है, यह पहले से तय था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेश और उसके भाई रितेश चंद्राकर ने चार दिन पहले ही मुकेश के मर्डर का प्लान बना लिया था. सुरेश ने बड़ी ही चालाकी से खुद को पूरी घटना से अलग दिखाने को कोशिश की, जिससे मुकेश के साथ सड़क के भ्रष्टाचार को लेकर विवाद के कारण पर शक न जाए. 1 जनवरी को पत्रकार की हत्या की गई थी.
बैंक से निकाले पैसे
एसआईटी की जांच में पता चला कि 27 दिसंबर को सुरेश ने बैंक से बड़ी राशि निकाली थी. जिसके इन रुपयों का प्रयोग हत्या, सबूत छिपाने और भागने के लिए किया जा सके. आरोपियों ने केस को घुमाने के लिए घटनास्थल से 60 किमी दूर नेलसनार नाले के पास मुकेश के दोनों फोन को पत्थर से तोड़कर नाले में फेंक दिया. मामले में चार गाड़ियां, मिक्सर मशीन, लोहे का छड़ व अन्य हथियार बरामद कर किए. जांच में हत्या के कारण का पता चला कि मुकेश ने सुरेश चंद्राकर के भ्रष्टाचार का खुलासा किया था इसलिए आरोपियों ने प्लानिंग करके उसकी हत्या कर दी.
हत्या से पहले मुकेश को मारा
पुलिस ने बताया कि आरोपी सुरेश, रितेश, दिनेश और साइट सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके ने क्राइम सीन के 17 कमरों में से कमरा नंबर 11 में मुकेश चंद्राकर पर लोहे की रॉड से हमला किया था. इसके बाद उसके शव को सेप्टिक टैंक में डालकर कंक्रीट से ढक दिया. पूछताछ के दौरान सुरेशन ने पुलिस को बताया कि मुकेश उसका रिश्तेदार था. वह अपने चैनल पर उसके खिलाफ खबरें दिखा रहा था, जिससे उसके काम के खिलाफ जांच हो रही है. इस वजह से वो परेशान था. बता दें कि पुलिस ने 5 जनवरी को सुरेश को महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस की मदद से हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था.