तांत्रिक ने पैसों की बारिश का झांसा देकर ठगे 52 लाख, पैसे मांगने पर हुआ फरार
उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले एक तांत्रिक ने लेखराम से कहा कि वह तंत्र-मंत्र के जरिए पैसों की बारिश कर सकता है. तांत्रिक ने लेखराम से धीरे-धीरे 52 लाख रुपए अलग-अलग किस्तों में ठग लिए. लेकिन लाखों रुपए देने के बाद भी कोई पैसों की बारिश नहीं हुई.

धमतरी के कुरुद इलाके में एक तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र के नाम पर एक व्यक्ति से 52 लाख रुपए ठग लिए. यह घटना परसवानी गांव के रहने वाले लेखराम चंद्राकर के साथ हुई. मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.
दरअसल उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले एक तांत्रिक ने लेखराम से कहा कि वह तंत्र-मंत्र के जरिए पैसों की बारिश कर सकता है. तांत्रिक ने लेखराम से धीरे-धीरे 52 लाख रुपए अलग-अलग किस्तों में ठग लिए. लेकिन लाखों रुपए देने के बाद भी कोई पैसों की बारिश नहीं हुई.
कैसे ठगी का शिकार हुआ लेखराम?
लेखराम को उसके जानने वालों ने तांत्रिक के बारे में बताया. उन्होंने तंत्र-मंत्र की फोटो, वीडियो और पैसों की गड्डियों की तस्वीरें भेजकर उसे प्रभावित किया. लेखराम भी उनके झांसे में आ गया. तांत्रिक ने घर की पूजा करने और दुख दूर करने का वादा किया.
18 अक्टूबर 2021 से 25 दिसंबर 2023 के बीच लेखराम ने ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए तांत्रिक और उसके साथियों के खाते में 52 लाख 49 हजार 425 रुपए जमा कर दिए. जब वादे पूरे नहीं हुए तो लेखराम ने अपने पैसे वापस मांगे. इसके बाद तांत्रिक ने झूठे आश्वासन दिए और फरार हो गया.
लेखराम ने ठगी की शिकायत थाने में दर्ज कराई. एएसपी मणिशंकर चंद्रा के अनुसार, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाई गई है और मामले की जांच जारी है.
बैगा लेने जा रहा था जिंदा समाधि, पुलिस ने रोका
धमतरी जिले के रुद्री थाना क्षेत्र के कसावही गांव में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई. यहां 60 वर्षीय फूल सिंह निर्मलकर, जो गांव के बैगा और झाड़-फूंक करने वाले व्यक्ति के रूप में मशहूर हैं, जिंदा समाधि लेने की तैयारी कर रहे थे. फूल सिंह निर्मलकर कसावही गांव के निवासी हैं और गांव के बाहर बने मंदिर में हर रविवार झाड़-फूंक करते हैं. उनका दावा है कि उनके अनुयायी सिर्फ उनके गांव में ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में भी हैं.
2021 में फूल सिंह ने मंदिर के पास खुद के लिए समाधि स्थल बनवाया था. वह सही ग्रह-नक्षत्र और तिथि का इंतजार कर रहे थे. 1 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे उन्होंने समाधि लेने का फैसला किया. इस दौरान उनके अनुयायी भी बड़ी संख्या में जमा हो गए थे. जब प्रशासन को इस घटना की जानकारी मिली तो एसडीएम और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर फूल सिंह को समाधि लेने से रोक दिया.