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लुटिया बांध बना मौत का जाल, अचानक टूटे एक हिस्से ने लील ली चार लोगों की जान, कई लापता

बलरामपुर जिले के धनेशपुर गांव में छोटे लुटिया बांध का हिस्सा टूटने से अचानक आई बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गई और तीन लोग अब भी लापता हैं. प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. 1980 के दशक में बने इस बांध में मंगलवार देर रात दरार आई थी, जो बुधवार तड़के टूटकर तबाही का कारण बन गई.

लुटिया बांध बना मौत का जाल, अचानक टूटे एक हिस्से ने लील ली चार लोगों की जान, कई लापता
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 19 Oct 2025 6:10 PM IST

बलरामपुर जिले में बुधवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब छोटे लुटिया बांध का एक हिस्सा अचानक टूट गया. देर रात हुई भारी बारिश ने पहले से ही कमजोर पड़े इस बांध पर दबाव बढ़ा दिया और सुबह होते-होते यह टूट गया. गांव में बाढ़ आ गई और पानी घरों के अंदर घुस गया. लोग अपने घरों में गहरी नींद में थे, लेकिन अचानक आए इस पानी ने उनकी जिंदगी तबाह कर दी.

इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. जिला प्रशासन और पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. गांव के लोग दहशत में हैं और कई परिवार अपने परिजनों की खबर पाने के लिए बेसब्र इंतजार कर रहे हैं.

4 लोगों की मौत, कई लापता

धनेशपुर गांव में स्थित लुटिया बांध में मंगलवार देर रात ही दरार पड़ गई थी. लेकिन लोगों को अंदाजा नहीं था कि यह दरार इतनी बड़ी तबाही में बदल जाएगी. बुधवार तड़के बांध का हिस्सा टूटा और तेज धार का पानी आसपास के घरों में घुस आया. लोग समझ पाते, उससे पहले ही कई मकान पानी की चपेट में आ गए. इस हादसे में एक महिला, उसकी सास और दो अन्य लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.

लापता की तलाश में जुटा प्रशासन

अचानक आई बाढ़ ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. प्रशासन और पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव का काम शुरू किया. मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, वहीं लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है. अधिकारियों ने बताया कि पानी की तेज धार में कई लोग बह गए, जिनमें से कुछ का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है.

1980 के दशक का बांध बना खतरा

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, लुटिया बांध का निर्माण 1980 के दशक में किया गया था. लंबे समय से इसकी देखरेख और मजबूती पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया. लगातार हो रही बारिश ने इसकी स्थिति और कमजोर कर दी थी. मंगलवार रात दरार दिखी भी थी, लेकिन भारी बारिश के चलते पानी का दबाव इतना बढ़ा कि बांध का एक हिस्सा टूट गया और तबाही का कारण बना.

गांव में मातम और सवाल

धनेशपुर गांव में चार लोगों की मौत से मातम छा गया है. हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है कि अगर समय रहते बांध की मरम्मत होती तो क्या यह हादसा टल सकता था? लोग अब प्रशासन और सरकार से जवाब मांग रहे हैं. वहीं, बचावकर्मी लापता लोगों को ढूंढने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

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