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Ajab Gajab: युवक-युवती ने एक-दूसरे को हेलमेट पहनाकर की सगाई, फिर बताई इसके पीछे की असली वजह

छत्तीसगढ़ में एक अनोखी सगाई समारोह हुआ, जहां युवक-युवती ने एक-दूसरे को हेलमेट पहनाकर विवाह की रस्म पूरी की. यह नजारा देख कर सगाई समारोह में मौजूद घराती-बाराती थोड़े चौंक गए, लेकिन इस अनोखी परंपरा के पीछे एक महत्वपूर्ण संदेश था.

Ajab Gajab: युवक-युवती ने एक-दूसरे को हेलमेट पहनाकर की सगाई, फिर बताई इसके पीछे की असली वजह
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 26 Nov 2024 3:22 PM IST

छत्तीसगढ़ में एक अनोखी सगाई समारोह हुआ, जहां युवक-युवती ने एक-दूसरे को हेलमेट पहनाकर विवाह की रस्म पूरी की. यह नजारा देख कर सगाई समारोह में मौजूद घराती-बाराती थोड़े चौंक गए, लेकिन इस अनोखी परंपरा के पीछे एक महत्वपूर्ण संदेश था. युवक और युवती ने एक-दूसरे को अंगूठी पहनाने के साथ-साथ हेलमेट पहनाकर लोगों को सड़क सुरक्षा और हेलमेट पहनने का महत्व बताया.

यह घटना बीते रविवार को डोंगरगांव ब्लॉक के करियाटोला में हुई, जहां बीरेंद्र साहू और ज्योति साहू की सगाई हुई. बीरेंद्र के पिता का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था, और तभी से उनके परिवार ने हेलमेट पहनने की जागरूकता फैलानी शुरू की थी. बीरेंद्र के छोटे भाई धर्मेंद्र साहू, जो एक समाज सेवक हैं, भी इस मुहिम में शामिल हैं.

सगाई में हेलमेट पहनाने की असली वजह

धर्मेंद्र ने बताया कि उनके पिता का निधन सिर में चोट लगने के कारण हुआ था, और उस समय वे हेलमेट नहीं पहने थे. इस घटना के बाद से उन्होंने न सिर्फ खुद हेलमेट पहनने की आदत डाली, बल्कि दूसरों को भी हेलमेट दान करने और पहनने के लिए प्रेरित किया. इस सगाई समारोह के माध्यम से उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि सड़क सुरक्षा हेलमेट की भूमिका बेहद अहम है.

युवक ने अब तक 1000 हेलमेट कर चुका दान

बता दें कि धर्मेंद्र साहूं ने अब तक एक हजार से अधिक लोगों को हेलमेट दान कर चुका है. सड़क सुरक्षा अभियान या जागरुकता कार्यक्रमों में भी लोगों को हेलमेट भेंट कर चुकें हैं वहीं लोगों को हेलमेट का महत्व बताकर लगातार जागरूक कर रहे हैं. साहू की इस पहल को डोंगरगांव नगर के लोगों ने हेलमेट संगवारी का नाम दिया है. साथ ही इनकी इस पहल की प्रशासन के साथ समाज भी सराहना कर रहे हैं.

देश में आए दिन सड़क हादसे की कहीं न कहीं से खबर सामने आती है और इन हादसों में न जानें हर दिन कितने लोग जान गवा बैठते है किसी के बेटा तो किसी मां- बाप जान खो देते हैं साथ ही सड़क हादसों को रोकने के लिए तरह- तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं.

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