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Chhattisgarh: लापरवाही या घोटाला? कबाड़ में बेची दी गई 2024-25 की हजारों स्कूली किताबें, बच्चे कर रहे हैं इंतजार

Chhattisgarh: कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने दावा किया है कि इस वित्तीय वर्ष में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए छपी लाखों पाठ्यपुस्तकें कबाड़ में बेच दी गई, जो रायपुर से 30 किलोमीटर दूर रिसाइकिलिंग सेंटर में पाया गया.

Chhattisgarh: लापरवाही या घोटाला? कबाड़ में बेची दी गई 2024-25 की हजारों स्कूली किताबें, बच्चे कर रहे हैं इंतजार
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सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 18 Sept 2024 5:16 PM IST

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. जहां हजारों की संख्या में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए बनी किताबें कबाड़ को बेच दी गई. कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने दावा किया है कि किताबों का एक ढेर एक रिसाइक्लिंग केंद्र में पाए गए हैं, जहां उन्हें कबाड़ के रूप में बेचा गया था. पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया कि इस वित्तीय वर्ष में 'निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण' कार्यक्रम के तहत छपी स्कूली किताबें कबाड़ को बेच दी गईं और नष्ट कर दी गईं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रायपुर से 30 किलोमीटर दूर स्थित रिसाइकिलिंग सेंटर में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों के ढेर मिले. अधिकारियों ने आगे की जांच के लिए रिसाइकिलिंग सेंटर को सील कर दिया है. कुछ अभिभावकों ने तो ये भी बताया कि उनके बच्चों को इस शैक्षणिक वर्ष में मुफ्त किताबें नहीं मिली, जिस कारण उन्हें बाजार से किताबें खरीदना पड़ रहा है और कुछ तो इसमें भी असमर्थ हैं.

अभिभावकों ने बताई- हमें नहीं मिल रही है किताबें

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में बताया गया कि एक अभिभावक ने कहा, 'हमने कई बार शिक्षकों के सामने यह मुद्दा उठाया है. हमने सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल से भी इस मामले को लेकर बात की है. हालांकि, आश्वासन के सिवा हमें कुछ नहीं मिला है. मेरे बच्चों को कुछ दिनों में परीक्षा देनी है. हमने अपने रिश्तेदारों से किताबें उधार ली हैं ताकि वे परीक्षा दे सकें.'

भाजपा नेता गोरी शंकर श्रीवास ने कथित घोटाले को लेकर पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'कोविड के दौरान लाखों पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित हुई और कबाड़ में बेची गई, जब छात्र ऑनलाइन क्लास कर रहे थे. जो लोग छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने के लिए जिम्मेदार थे. वे अब हम पर उंगली उठा रहे हैं. भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी समझती है और इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है. इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.'

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