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नवजात की जेनेटिक डिसऑर्डर पता न लगा पाने वाले चार डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज

पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने डिलीवरी से पहले जांच के दौरान जेनेक्टिक डिसऑर्डर्स का पता लगाने में विफल रहे और इसके बजाय उन्हें भरोसा दिया कि रिपोर्ट नॉर्मल्स थीं. शिकायत के मुताबिक दंपत्ति ने यह भी दावा किया कि डिलीवरी के चार दिन बाद ही उन्हें बच्चा दिखाया गया था.

नवजात की जेनेटिक डिसऑर्डर पता न लगा पाने वाले चार डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज
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( Image Source:  symbolic image )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 28 Nov 2024 5:24 PM IST

केरल के अलाप्पुझा में पुलिस ने बच्चे के जन्म से पहले नवजात शिशु के जेनेक्टिक डिसऑर्डर्स का इलाज न कर पाने पर चार डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. नवजात के पिता की शिकायत के आधार पर 26 नवंबर को मामला दर्ज किया गया था.

आरोपियों में से दो की पहचान पुष्पा और शेर्ली के रूप में की गई. दोनों अलाप्पुझा में महिला एवं बाल अस्पताल में डॉक्टर थी. दो अन्य डॉक्टर्स जिनके नाम की पहचान नहीं हो पाई है वह प्राइवेट लैबोरेट्रीज मिडास हेल्थ केयर एंड स्कैनिंग लेबोरेटरी और शंकर हेल्थ स्कैन्स एंड डायग्नोस्टिक से जुड़ी है.

विभागीय जांच का आदेश

एफआईआर बीएनएस धारा 125 और 125 बी के तहत दर्ज की गई थी जो मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले लापरवाही भरे एक्ट्स से संबंधित है. हेल्थ डिपार्टमेंट ने हेल्थ servicesके एडिशनल डायरेक्टर को इस आरोप की विभागीय जांच का आदेश दिया है कि जब बच्चा गर्भ में था तब डॉक्टर जेनेक्टिक डिसऑर्डर्स का निदान करने में विफल रहे थे.

आंखें नहीं खोल रहा था नवजात

गुरुवार को मीडिया से बातबीत के दैरान बच्चे की मां का कहना है कि प्रेगनेंसी के तीन महीने तक हर चीजों का ध्यान दिया. लेकिन दिखाई गई रिपोर्ट्स में नवजात की ग्रोथ को लेकर समस्या बताई. जब बच्चे का जन्म हुआ तो वह अपनी आंखें नहीं खोल रहा था और उसके प्राइवेट पार्ट में गंभीर विकृति थी. बता दें कि बच्चे का जन्म बीते 8 नवंबर को हुआ था. महिला ने आरोप लगाया कि डॉक्टर डिलीवरी से पहले जांच के दौरान जेनेटिक अब्नोर्मलि का पता लगाने में विफल रहे और इसके बजाय उन्हें भरोसा दिया कि रिपोर्ट नार्मल थीं. शिकायत के मुताबिक दंपत्ति ने यह भी दावा किया कि डिलीवरी के चार दिन बाद ही उन्हें बच्चा दिखाया गया था.

कोई अब्नोर्मलिटी नहीं पाई गई

प्रेगनेंसी के दौरान मां का डॉक्टर पुष्पा से इलाज चला था डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिला ने मिडास लैब में मार्च, अप्रैल और मई महीने में तीन बार स्कैनिंग कराई थी. गर्भवती ने एक अन्य डॉक्टर, शर्ली से परामर्श करने का भी फैसला किया, जिन्होंने उन्हें जुलाई से नवंबर की शुरुआत तक चार बार सांकरा के हेल्थकेयर स्कैन और डायग्नोस्टिक्स से स्कैनिंग कराने के लिए कहा. डॉ. शर्ली ने स्कैन रिपोर्ट भी देखी. लेकिन भ्रूण में कोई अब्नोर्मलिटी नहीं पाई गई. डॉ. शेर्ली की सलाह पर, महिला को 30 अक्टूबर को सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था. तीन दिन बाद भ्रूण की अनियमित धड़कन की रिपोर्ट के बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया था. बच्चे का जन्म 8 नवंबर को सिजेरियन सेक्शन के जरिए हुआ था.

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