Bihar Board 12th Result: कौन है प्रिया जायसवाल? साइंस स्ट्रीम में किया टॉप; डॉक्टर बनना है सपना
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे घोषित किए, जिसमें कुल 86.50% छात्र पास हुए। पश्चिम चंपारण की प्रिया जायसवाल ने साइंस स्ट्रीम में टॉप किया। उन्होंने बिना कोचिंग के मेहनत से सफलता प्राप्त की। उनका लक्ष्य मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार और राज्य गर्वित है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं. इस साल कुल 86.50% छात्रों ने परीक्षा पास की है, जो कि एक बेहतरीन परिणाम है. खासकर कॉमर्स संकाय के छात्रों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा, जहां पास प्रतिशत 94.77% दर्ज किया गया.
बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस वर्ष के टॉपर्स में पश्चिम चंपारण की प्रिया जायसवाल ने 484 अंकों के साथ साइंस स्ट्रीम में पहला स्थान प्राप्त किया. अरवल के आकाश कुमार ने 480 अंक के साथ दूसरा स्थान, जबकि पटना के रवि कुमार 478 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. इन छात्रों ने अपनी मेहनत और लगन से पूरे राज्य में नाम रोशन किया है. आइये जानते हैं टॉपर प्रिया जायसवाल के बारे में...
कौन है प्रिया जायसवाल?
प्रिया जायसवाल पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के धुमवाटांड़ गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता संतोष जायसवाल एक किसान हैं और माता रीमा जायसवाल गृहिणी हैं. प्रिया पांच भाई-बहनों में तीसरे स्थान पर हैं. सबसे बड़ी बहन सोनी जायसवाल साइंस से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं. जबकि दूसरी बहन प्रीति जायसवाल भी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं. उसे 12वीं की परीक्षा में 450 अंक मिले थे. इनसे छोटा भाई आदित्य जायसवाल और यशराज जायसवाल अभी पढ़ाई कर रहा है.
परीक्षा की तैयारी और मेहनत
प्रिया बताती हैं कि उन्होंने रोजाना कम से कम आठ घंटे की पढ़ाई की, लेकिन किसी कठोर स्टडी टाइम टेबल का पालन नहीं किया. प्रिया ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई को बोझ की तरह नहीं लिया. उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान से मदद नहीं ली, बल्कि स्कूल के शिक्षकों के मार्गदर्शन में अपनी तैयारी पूरी की. उनका लक्ष्य था कि वे पूरे बिहार के टॉप 10 छात्रों में स्थान हासिल करें, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया.
भविष्य की योजनाएं
प्रिया अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती हैं, जिन्होंने हमेशा उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. उनका सपना है कि वे अपनी बड़ी बहन की तरह मेडिकल की पढ़ाई करें और डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करें. उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे बिहार को गर्व का अनुभव कराया है. न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि आगे चलकर डॉक्टर बनना है और लोगों की सेवा करनी है.