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जब छात्र खुद ही लौट रहे थे तो क्‍यों चलाई गईं लाठियां? प्रशांत किशोर बोले - हर बात का हिसाब होगा

बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. इस घटना के विरोध में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक प्रेस वार्ता की और छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की.

जब छात्र खुद ही लौट रहे थे तो क्‍यों चलाई गईं लाठियां? प्रशांत किशोर बोले - हर बात का हिसाब होगा
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 30 Dec 2024 1:25 PM IST

बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. इस घटना के विरोध में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक प्रेस वार्ता की और छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की. उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ वे अदालत का रुख करेंगे और इस मामले में शामिल अधिकारियों से जवाब तलब करेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा, 'कौन से कानून में लिखा है कि पुलिस छात्रों को मारे? जिन बच्चों पर लाठीचार्ज हुआ है, उनके लिए न्याय की मांग करेंगे और उनका हिसाब लिया जाएगा. छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेना होगा.

छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज पर क्या बोले PK?

प्रशांत किशोर ने पीसी में कहा कि 'जब तक हम है जिन लोगों ने छात्रों पर लाठी चलाई है उन्हें किसी भी कीमत में छोड़ा नहीं जाएगा. किसी सार्वजनिक संपति का नुकसान नहीं हुआ है. पुलिस चाहती तो आराम से छात्रों को हटा सकती थी. पुलिस ने जिस प्रकार लाठीचार्ज किया है ऐसा नहीं करना चाहिए. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ये जो दो चार अफसर हीरो बन रहे हैं तो आप लोगों को मैं बता दूं कि अब हम लोग FIR भी करेंगे और कोर्ट भी जाएंगे और जिन बच्चों को मारा गया है उसका हिसाब भी होगा.

'सबका हिसाब होगा'

प्रशांत किशोर ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के संदर्भ में पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "अगर छात्र नारेबाजी करके कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, तो पुलिस का उन पर लाठीचार्ज करना और उन्हें दौड़ाकर मारना भी कानून का उल्लंघन है. कौन से कानून में लिखा है कि पुलिस इस तरह से छात्रों पर लाठी चला सकती है? उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका और छात्रों का उद्देश्य कोई उपद्रव करना नहीं है, बल्कि अपने अधिकारों और न्याय की मांग करना है. प्रशांत किशोर ने कहा, "हम लफंगई करने नहीं आए हैं. हम चाहते हैं कि छात्रों का रास्ता निकले.'

क्या है छात्रों की पांच मांगे?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह भी बताया कि कल रात चार बजे तक छात्रों ने एकजुट होकर निर्णय लिया है कि सरकार को एक और मौका दिया जाएगा. छात्रों ने अपनी पांच मांगों को सचिवालय में दोबारा प्रस्तुत करने का फैसला किया है. बीपीएससी परीक्षा का दोबारा आयोजन कराया जाए, घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो, सोनू यादव के परिवार को मुआवजा दिया जाए, जिन छात्रों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उनके नाम हटाए जाएं, लाठीचार्ज के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.

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