अनंत सिंह पर हमला करने वाले सोनू-मोनू कौन? गोलीकांड के बाद बोले बाहुबली - सरकार सोचे सुरक्षा देनी है कि नहीं
मोकामा में हुए गोलीकांड पर पूर्व विधायक अनंत कुमार सिंह ने कहा, 'दो लोगों ने गोली चलाई और मेरे एक आदमी की गर्दन में चोट लगी है. सोनू-मोनू अपहरणकर्ता और चोर हैं. लोगों के खेत लूटते हैं. ये चोर हैं और इनका पिता डकैत है. ये पिस्तौल लेकर घूमता है. अगर पुलिस कार्रवाई कर रही होती तो मुझे चिंता नहीं होती.

बिहार की राजधानी पटना से सटे मोकामा के बाहुबली और पूर्व विधायक अनंत सिंह पर हुए हमले के बाद, इलाके में तनाव बढ़ गया है. इस घटना के चलते मोकामा में फिर से खूनी संघर्ष या गैंगवार शुरू होने की आशंका जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि अनंत सिंह पर हमला तब किया गया जब वे मोकामा में एक मामले को सुलझाने गए थे.
इस मामले में सोनू-मोनू का नाम सामने आया है. सोनू-मोनू के पिता का दावा है कि अनंत सिंह ने पहले गोली चलाई और इस आधार पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है. वहीं, पूर्व विधायक अनंत सिंह ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्हें इन मामलों से कोई फर्क नहीं पड़ता. घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, लेकिन यह मामला मोकामा के अपराधी गुटों के बीच फिर से संघर्ष की चिंगारी भड़कने का संकेत दे रहा है.
'मुझे FIR की परवाह नहीं'
खुद पर गोली चलाने की घटना पर पूर्व विधायक अनंत कुमार सिंह ने कहा, 'दो लोगों ने गोली चलाई और मेरे एक आदमी की गर्दन में चोट लगी है. सोनू-मोनू अपहरणकर्ता और चोर हैं. लोगों के खेत लूटते हैं. ये चोर हैं और इनका पिता डकैत है. ये पिस्तौल लेकर घूमता है. अगर पुलिस कार्रवाई कर रही होती तो मुझे चिंता नहीं होती.
अनंत कुमार सिंह ने आगे कहा कि 'मैं मांग करता हूं कि जांच होनी चाहिए. लेकिन पुलिस पैसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं करती. सोनू-मोनू पुलिस के मुखिया जैसे हैं. मैं चाहता हूं कि लोग सुरक्षित रहें...मैं किसी सुरक्षा की मांग नहीं करता. मैं जेल जाऊंगा या नहीं, यह सरकार का फैसला है. मैं लोगों के साथ खड़ा हूं. तो क्या हुआ अगर मेरे खिलाफ कोई मामला दर्ज हो गया? मैं लोगों के साथ खड़ा हूं. मुझे मामले की परवाह नहीं है.'
सोनू- मोनू कौन हैं?
सोनू-मोनू, जो मोकामा के जलालपुर गांव के रहने वाले हैं, अपराध की दुनिया में अपने कदम 2009 में रख चुके थे. दोनों भाई ट्रेन लूटपाट और अन्य अपराधों में शामिल रहे हैं. इनकी पहचान अब गांव में एक प्रभावशाली और डराने वाली शख्सियत के रूप में बन चुकी है, जहां सरकारी अधिकारियों तक में उनका खौफ कायम है. बताया जाता है कि दोनों के दरबार में वे लोग आते हैं जो सरकारी दफ्तरों में परेशान होते हैं, और उनका काम जल्दी हो जाता है.
सोनू-मोनू पर दर्जनों आपराधिक मामले हैं, और उनका एक ईंट भट्ठा भी है. इन दोनों के बारे में यह भी कहा जाता है कि इनका संबंध उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी गिरोह से था, और वे पहले अनंत सिंह के प्रभाव में अपराध करते थे. लेकिन अनंत सिंह के जेल जाने के बाद इन दोनों ने अपनी ताकत बढ़ाना शुरू किया और मोकामा में अपनी धाक जमाई.
हालांकि, अभी भी सोनू-मोनू का गैंग अनंत सिंह के मुकाबले कहीं छोटा और कमजोर माना जाता है, और वे अभी तक उनके मुकाबले ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाए हैं. लेकिन इस घटना के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि सोनू-मोनू और अनंत सिंह के बीच की अदावत आगे किस दिशा में बढ़ती है और इससे मोकामा के अपराधी गुटों के बीच क्या असर पड़ता है.