'गरीबों के वोट काटे जा रहे हैं, ताकि न मिले राशन और पेंशन' : तेजस्वी यादव का बीजेपी-नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप
बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा, "सत्ता पक्ष के जो लोग जीत रहे हैं, वे सब चुप हैं, क्योंकि जो साजिश करेगा, वह क्या बोलेगा? बीजेपी के लोग और नीतीश कुमार के लोग गरीबों का वोट काट रहे हैं, ताकि गरीबों को पेंशन और राशन न मिले."

बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण को लेकर सियासत गर्म हो गई है. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्र की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, "जो लोग साजिश करते हैं, वो चुप रहते हैं. इसलिए सत्ता पक्ष के जीतने वाले नेता इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं."
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि BJP और JDU के लोग जानबूझकर गरीबों के नाम वोटर लिस्ट से कटवा रहे हैं, ताकि उन्हें न तो सरकारी पेंशन मिल सके और न ही राशन जैसी ज़रूरी सुविधाएं. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई सिर्फ़ गरीब विरोधी मानसिकता को दर्शाती है.
तेजस्वी ने सवाल उठाया कि अगर सरकार ईमानदारी से काम कर रही है, तो उसे मतदाता सूची में छेड़छाड़ की क्या ज़रूरत है? उन्होंने निर्वाचन आयोग से भी इस पूरे मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की.
'आयोग अब अपने ही फैसलों पर नियंत्रण खो चुका है'
इससे पहले, तेजस्वी ने आरोप लगाया था कि आयोग अब अपने ही फैसलों पर नियंत्रण खो चुका है. गरीबों को वोटर लिस्ट से बाहर करने की साजिश चल रही है. उन्होंने कहा, “क्या चुनाव आयोग ने हमारी आपत्ति के बाद कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की? ऐसा लगता है जैसे चुनाव आयोग खुद भ्रम में है. बिहार को लूटने वालों का वक्त अब खत्म हो रहा है, इसलिए वे गरीबों को मतदाता सूची से हटाकर सत्ता में बने रहना चाहते हैं.”
'इस प्रक्रिया में लगातार नियम बदले जा रहे हैं'
राजद नेता ने SIR को एक ‘एकतरफा और गोपनीय चुनावी सफाई अभियान’ करार देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में लगातार नियम बदले जा रहे हैं. कभी पात्रता की तारीख बदली जा रही है, कभी दस्तावेज़ों की प्रकृति, कभी प्रक्रिया की समयसीमा में बदलाव-क्या आयोग खुद तय नहीं कर पा रहा कि उसे करना क्या है?
तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या इस अभियान से पहले किसी राजनीतिक दल को जानकारी दी गई या किसी सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ? उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया.
चुनाव आयोग की सफाई
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि SIR का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई अपात्र व्यक्ति सूची में न जुड़ पाए. इसके लिए एक लाख से अधिक वालंटियर्स को तैनात किया गया है जो बुजुर्गों, दिव्यांगों और हाशिये पर खड़े वर्गों की सहायता करेंगे.
इसी मुद्दे पर 2 जुलाई को होने वाली ECI और बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक को भी स्थगित कर दिया गया, क्योंकि आयोग को किसी भी राजनीतिक दल से पुष्टि नहीं मिली थी. यह बैठक AICC (कांग्रेस) के अनुरोध पर प्रस्तावित की गई थी.
मतदाता सूची में कथित धांधली को लेकर विपक्षी दलों का हमला तेज
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची में कथित धांधली को लेकर विपक्षी दलों का हमला तेज हो गया है. तेजस्वी यादव की ये टिप्पणी राजनीतिक तापमान को और बढ़ा सकती है, खासकर तब जब विपक्ष पहले से ही EVM और वोटिंग प्रक्रिया को लेकर आशंकाएं जता रहा है.