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प्रशांत किशोर की पार्टी में इस तारीख को शामिल होंगे मनीष कश्‍यप, PK से मुलाकात के बाद कर दिया एलान

यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कश्यप ने प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद 7 जुलाई को जन सुराज अभियान से औपचारिक रूप से जुड़ने की घोषणा की है. उन्होंने प्रशांत किशोर को भारतीय संविधान की प्रति भेंट करते हुए कहा कि बिहार में संवैधानिक मूल्यों की पुनः स्थापना का समय आ गया है. मनीष कश्यप ने अपने समर्थकों से विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया और सभी शुभचिंतकों को पटना के बापू सभागार में शामिल होने का न्योता दिया है.

प्रशांत किशोर की पार्टी में इस तारीख को शामिल होंगे मनीष कश्‍यप, PK से मुलाकात के बाद कर दिया एलान
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 2 July 2025 3:01 PM IST

बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जहां यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कश्यप ने जन सुराज अभियान से जुड़ने का एलान किया है. प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद मनीष कश्यप ने स्पष्ट किया कि वे 7 जुलाई को पटना के बापू सभागार में औपचारिक रूप से जन सुराज से जुड़ेंगे. यह फैसला उन्होंने अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से विचार-विमर्श के बाद लिया है.

मनीष कश्यप ने प्रशांत किशोर को भारतीय संविधान की प्रति भेंट कर यह संकेत दिया कि वे अब बिहार में संवैधानिक मूल्यों की पुनः स्थापना और जन-कल्याणकारी राजनीति की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार को बदलने के लिए अब नारे नहीं, नीयत और नीति चाहिए - और जन सुराज वही प्लेटफॉर्म है जहां यह परिवर्तन संभव है. उनके इस फैसले को राज्य की राजनीति में एक बड़े मोड़ के रूप में देखा जा रहा है.

इसके साथ ही उन्होंने प्रशांत किशोर को भारतीय संविधान की प्रति भेंट करते हुए यह प्रतीकात्मक संदेश दिया कि उनका यह कदम लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए है.

उन्होंने कहा, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि बिहार में संविधान की रक्षा और उसके मूल्यों की पुनः स्थापना तभी संभव है, जब बिहारी न केवल बिहार में, बल्कि देश-विदेश में भी सुरक्षित और सम्मानित होंगे. और इस संकल्प को साकार करने के लिए प्रशांत किशोर जी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.”

उन्होंने जन सुराज की प्रशंसा करते हुए इसे बदलाव का सबसे ठोस विकल्प बताया और कहा कि यह केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि बिहार के पुनर्निर्माण का युगांतकारी अभियान है. उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं, किसानों, महिलाओं और मेहनतकश लोगों की उम्मीदों को अगर कोई ठोस आवाज दे रहा है, तो वह प्रशांत किशोर और उनकी टीम है.

संविधान भेंट कर दिया संदेश

प्रशांत किशोर को संविधान भेंट करना एक प्रतीकात्मक लेकिन बेहद मजबूत संदेश है. इस बारे में उन्होंने कहा, “यह केवल एक किताब नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य की दिशा तय करने वाला दस्तावेज है. मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे आंदोलन से जुड़ रहा हूं जो संविधान की आत्मा को ज़मीन पर उतारने के लिए संघर्षरत है.”

बापू सभागार में होगी ऐतिहासिक घोषणा

उन्होंने अपने सभी समर्थकों और शुभचिंतकों से 7 जुलाई को पटना के बापू सभागार में होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की. यह दिन उनके जन सुराज में आधिकारिक रूप से शामिल होने की घोषणा के साथ-साथ, बिहार में एक नई राजनीतिक सोच के जन्म का दिन भी होगा. उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि हम दर्शक नहीं, सहभागी बनें. जन सुराज की यात्रा को अब गांव-गांव, गली-गली तक ले जाना है. बिहार को बदलने का वक्त आ गया है.”

क्या है जन सुराज?

जन सुराज प्रशांत किशोर द्वारा चलाया जा रहा एक जन आंदोलन है, जिसका उद्देश्य बिहार की राजनीति को जाति और अपराध से मुक्त कर एक नीति-आधारित, पारदर्शी और जनहितैषी व्यवस्था कायम करना है. प्रशांत किशोर अब तक 4000 किलोमीटर से ज्यादा की पदयात्रा कर चुके हैं और गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं.

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